"अकाल तख़्त": अवतरणों में अंतर

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== परिचय ==
[[चित्र:Akal Takht illuminated, in Harmandir Sahib complex, Amritsar.jpg|अंगूठाकार|बाएँ|ज्योतिमय अकाल तख़्त]]
[[गुरु राम दास]] ने पहले हरमंदिरहरिमन्दिर साहबसाहिब के पास बैठने के लिए मिट्टी का एक चबूतरा बनवाया। इसके बाद [[गुरु अर्जुन देव]] ने इसी स्थान पर एक कच्ची कोठरी बनवाई जिसे सिख कोठा साहब कहते हैं। हरिमन्दिर साहिब की नींव मुस्लिम सूफ़ी मियाँ मीर ने रखी। जबकि अकाल तख़्त की नींव [[बाबा बुड्ढा]], [[भाई गुरदास]] और [[गुरु हरगोबिन्द]] ने रखी। सर्वप्रथम गुरु हरगोबिन्द ने इस तख़्त पर बैठे। इतिहास बताता है कि अकाल तख़्त पर बार बार हमले हुए हैं।
 
अठारहवीं सदी में [[अहमद शाह अब्दाली]] ने अकाल तख़्त और हरिमन्दिर साहिब पर कई हमले किए।<ref name="Fahlbusch 2008">Fahlbusch E. (ed.) [http://books.google.com/books?id=lZUBZlth2qgC&pg=PA10&lpg=PA10&dq=harmandir+sahib&source=bl&ots=RdAjNWYmKJ&sig=FEqZjqZHo13SSN3Yrzr9TDNfqG8&hl=en&sa=X&ei=pbxsUJm2FMjWigL48YGYBg&ved=0CD4Q6AEwBDgU#v=onepage&q=harmandir%20sahib&f=false "The encyclopedia of Christianity."] Eerdmans, Grand Rapids, Michigan, 2008. ISBN 978-0-8028-2417-2</ref> [[सरदार हरि सिंह नलवा]] जो कि [[महाराजा रणजीत सिंह]] का एक सेनपति था ने अकाल तख़्त के स्वर्ण परिदृश्य का निर्माण करवाया।