"हितोपदेश": अवतरणों में अंतर
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'''हितोपदेश''' भारतीय जन- मानस तथा परिवेश से प्रभावित उपदेशात्मक कथाएँ हैं। हितोपदेश की कथाएँ अत्यंत सरल व सुग्राह्य हैं। विभिन्न पशु- पक्षियों पर आधारित कहानियाँ इसकी खास-विशेषता हैं। रचयिता ने इन पशु-पक्षियों के माध्यम से कथाशिल्प की रचना की है। जिसकी समाप्ति किसी शिक्षापद बात से ही हुई है। पशुओं को नीति की बातें करते हुए दिखाया गया है। सभी कथाएँ एक-दूसरे से जुड़ी हुई प्रतीत होती है।
यिता ==
हितोपदेश के रचयिता [[नारायण पण्डित]] हैं। पुस्तक के अंतिम पद्यों के आधार पर इसके रचयिता का नाम "नारायण'' ज्ञात होता है।
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