"कन्होपत्रा": अवतरणों में अंतर

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कन्होपत्रा एक अमीर वेश्या शमा कि बेठी थी, जो पंढरपुर के मंगलवेद शेहर मे रहते थे। कन्होपत्रा के अलावा मंगलवेद संतों वरकारि चोखामेला और डमाजि का भी
शमा कन्होपत्रा के पिता की पहचान के बारे में अनिश्चित था, लेकिन यह संदेह था कि शहर के सिर मैन सदाशिव मालगुजर जन्मस्थान है।
कन्होपत्रा उसकी माँ के महलनुमा घर में उसके बचपन बिताया थी और कई नौकरानियों द्वारा सेवा कराते थे। कन्होपत्रा की सामाजिक स्थिति बहुत ही कम था।कन्होपत्रा बचपन से ही नृत्य और गीत में प्रशिक्षित किया गया था ताकि वह अपनी माँ के पेशे में शामिल होने सकि। वह एक प्रतिभाशाली नर्तकी और गायक बन गए।उसकी सुंदरता अप्सरा (स्वर्गीय अप्सरा) मेनका से तुलना करते थे।शमा ने कन्होपत्रा को सुझाए गया कि बादशाह (मुस्लिम राजा) को मिलना है, तब जो उसकी सुंदरता और उपहार उसे पैसे और गहने पूजा होगी लेकिन कन्होपत्र साफ ​​इनकार कर दिया । कन्होपत्रा की मा शामा ने कन्होपत्रा को शादी करवाने के लिये सोचा था। विद्वान तारा भवलकार कहा गया है कि कन्होपत्रा की शादी के लिए मना किया गया था क्यों कि वह एक दासि कि बेठी है। कन्होपत्रा को वेश्या के जीवन मे आशा नहि थी लेकिन उसके लिये