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ऐमीनएमीन को [[अमोनिया]] के एक , दो अथवा तीनों [[हाइड्रोजन]] परमाणुओं को
ऐल्किलएल्किल और/अथवा ऐरिलएरिल समूहों द्वारा विस्थापित कर प्राप्त हुए व्युत्पन्न के
रूप मे माना जा सकता है।
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|[[Image:Amine1.png]]
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|''ऐमीनएमीन के उदाहरण''
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==ऐमिनोंएमिनों की संरचना==
[[अमोनिया]] क्री भाँति, ऐमीन काएमीनका [[नाइट्रोजन]] परमाणु त्रिसंथोजी है एवं इस पर एक
असहभाजित्त [[इलेक्ट्रॉन]] युगल है। ऐमीनएमीन में नाइट्रोजन के कक्षक sp3 संकरित होते
हैं तथा ऐमीनएमीन की आकृति पिरैमिडी ढोती है। नाइट्रोजन के तीनों sp3 संकरित
कक्षकों में से प्रत्येक ऐमीनएमीन कैके संगठन के अनुसार हाइड्रोजन अथवा [[कार्बन]] के
कक्षकों से अतिव्यापन करता है।
 
==वर्गीकरण==
[[अमोनिया]] अणु में ऐल्किलएल्किल अथवा ऐरिलएरिल समूहों द्वारा प्रतिस्थापित हाइड्रोजन परमाणुओं की
संख्या के आधार पर ऐमीनोंएमीनों का वर्गीकरण, प्राथमिक (1 ), द्वितीयक (2 ) तथा तृतीयक (3
में किया जाता है। यदि अमोनिया में एक हाइड्रोजन परमाणु R अथवा Ar से प्रतिस्थापित हो
तो हमें प्राथमिक (1 ) एमीन R-NH2 अथवा Ar-NH2 प्राप्त होती है। यदि अमोनिया के दो
हाइड्रोजन परमाणु अथवा R-N H2 के एक हाइड्रोजन का प्रतिस्थापन अन्य ऐल्किलएल्किल /ऐरिल एरिल
(R') समूह से होता है तब आप बया प्राप्त करेंगे? आपको द्वितीयक एमीन, R-NH-R’ प्राप्त
होगी। दूसरा एल्किल/ऐरिलएरिल समूह समान अथवा भिन्न हो सकता है। एक और हाइड्रोजन
परमाणु का विस्थापन ऐल्किलएल्किल/ऐरिलएरिल समूह रने होने यर तृतीयक ऐमीन बनतीएमीनबनती है। यदि सभी
ऐल्किलएल्किल अथवा ऐरिलएरिल समूह समान हों तो ऐमीन कोएमीनको 'सरल‘ तथा भिन्न होने यर "मिश्रित"
कहते हैं।
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|[[Image:Amine2.png]]
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|''ऐमीन केएमीनके वर्गीकरणों के उदाहरण''
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==नामपद्धति==
सामान्य पद्धति में ऐलिफैटिकएलिफैटिक ऐमीनएमीन का नामकरण ऐमीन शब्दएमीनशब्द मे पूर्वलग्न ऐल्किलएल्किल लगाकर
एक शब्द में, यानी ऐल्किलऐमीनएल्किल एमीन के रूप में किया जाता है, जैसे- मेथिलऐमीन। द्वितीयक
एवं तृतीयक ऐमीनोंएमीनों मे जब दो अथवा अधिक समूह समान होते हैं तब ऐल्किलएल्किल समूह के
नाम से पहल पूर्वलग्न डाइ अथवा ट्राइ का प्रयोग किया जाता है। आइयूपीएसी पद्धति मे ऐमीनोंएमीनों
का नामकरण ऐल्केनेमीन के रूप में होता है। उदाहरणार्थ CH3NH2 का नाम मेथेनेमीन है।
यदि मुख्य श्रृंखला में एक से अधिक स्थानों पर ऐमीन समूहएमीनसमूह उपस्थित हों तब ऐमीन समूहोंएमीनसमूहों की
स्थिति कार्बन परमाणु की संख्या जिससे ये जुड़े हों , से व्यक्त कर डाइ, ट्राइ आदि उपयुक्त
पूर्वलग्न लगाकर निर्दिष्ट की जाती है। हाइड्रोकार्बन भाग का अनुलग्न बनाए रखा जाता है।
उदाहरणार्थ… H2N-CH2-CH2-NH2 का नाम एथेन-1, 2-डाइऐमीन है।डाइएमीनहै।
 
ऐरिलएरिल ऐमीनोंएमीनों मे -NH2 समूह बेंजीन वलय से सीधे जुड़ा रहता है। ऐरिलएरिल ऐमीनएमीन का सबसे
सरल उदाहरण C6H5NH2 है। सामान्य पद्धति में इसे ऐनिलीन कहते हैं। यह
आइयूपीएसी पद्धति में भी स्वीकार्य नाम है। ऐरिलएरिल एमीन का नामकरण करते समय ऐरीन के
अंग्रेजी में लिखे नाम के अंत में से 'e' अनुलग्न का प्रतिस्थापन एमीन ('amine')शब्द
से करते हैं। अत: आइयूपीएसी पद्धति में C6H5-NH2 का नाम बेंजीनएमीन होगा।
सारणी में कुछ एल्किल एवं ऐरिलएरिल ऐमीनोंएमीनों के सामान्य एवं आइयूपीएसी नाम में दिए गए हैं।
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|[[Image:Amine3.png]]
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|''कुछ ऐल्किलएल्किल एवं ऐरिलएरिल ऐमीनोंएमीनों की नामपदृद्भति।''
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==ऐमिनोंएमिनों का विरचन==
ऐमीनोंएमीनों का विरचन निम्नलिखित विधियों से किया जाता है।
 
===नाइट्रो यौगिकों का अपचयन===
नाइट्रो यौगिक सूक्ष्म विभाजित निकैल, पैलेडियम अथवा प्लेटिनम की उपस्थिति मे
हाइड्रोजन गैस प्रवाहित करने से ऐमीनोंएमीनों में अपचित हो जाते हैं। अम्लीय माध्यम मे
धातुओं द्वारा भी इनका अपचयन हो सकता है। इसी प्रकार से नाइट्रोऐल्कीन भी संगत
ऐल्केनेमीनोंएल्केनेमीनों मे अपचित की जा सकती हैं।
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===ऐल्किलएल्किल हैलाइडों का ऐमोनीअपघटनएमोनीअपघटन===
आपने एकक 10 मे पढ़ा है कि ऐल्किलएल्किल अथवा बेंजिल हैलाइडों मे कार्बन-हैलोजन
आबन्ध नाभिकरागी द्वारा सरलता से विदलित हो जाता है। अत: ऐल्किलएल्किल अथवा बेंजिल
हैलाइड अमोनिया के ऐथनॉलिक विलयन से नाभिकरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया करते
हैं जिसमें हैलोजन परमाणु ऐमिनो (-NH2) समूह से प्रतिस्थापित हो जाता है। अमोनिया
अणु द्वारा C-X आबन्ध के विदलन की प्रक्रिया को अमोनीअपघटन (ammonolysis)
कहते हैं। यह अभिक्रिया 373 K ताप पर सील बंद नालिका में कराते हैं। इस प्रकार
रने प्राप्त प्राथमिक ऐमीन नाभिकरागीएमीननाभिकरागी क्री तरह व्यवहार करती है और पुन: ऐल्किलएल्किल
हैलाइड से अभिक्रिया करके द्वितीयक एवं तृतीयक एमीन तथा अंतत: चतुष्क
अमोनियम लवण बना सकती है।
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|[[Image:Amine6.png]]
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|''ऐल्कित्नएल्किल हैलाइडों का ऐमोनीअपघटन''
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इस अभिक्रिया में हैलाइडों की ऐमीनोंएमीनों से अभिक्रियाशीलता का क्रम RI > RBr > RC1 होता
है। अमोनियम लवण से मुक्त ऐमीन प्रबलएमीनप्रबल क्षार द्वारा अभिक्रिया से प्राप्त की जा सकती है।
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===नाइट्राइलों का अपचयन===
नाइट्राइल लीथियम ऐलुमिनियमएलुमिनियम हाइड्राइड (LiAlH4) अथवा उत्प्रेरकी हाइड्रोजनन द्वारा
अपचित होकर प्राथमिक ऐमीनएमीन बनाते हैं। इस अभिक्रिया का उपयोग ऐमीन श्रेणीएमीनश्रेणी के
आरोहण (ascent) में , अर्थात् प्रारंभिक ऐमीन सेएमीनसे एक अधिक कार्बन वाले ऐमीन केएमीनके
विरचन में किया जाता है।
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===ऐमाइडोंएमाइडों का अपचयन===
ऐमाइडएमाइड लीथियम ऐलुमिनियम हाइड्राइड द्वारा अपचित्त होकर ऐमीन देतेएमीनदेते हैं।
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|[[Image:Amine9.png]]
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|''ऐमाइडोंएमाइडों का अपचयन''
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=== गैब्रिएल थैलिमाइड संश्लेषण===
गैब्रिएल संश्लेषण का प्रयोग प्राथमिक ऐमीनोंएमीनों के विरचन के लिए किया जाता है।
थैलिमाइड ऐथेनॉलिकएथेनॉलिक पोटैशियम हाइड्रॉक्सइड से अभिक्रिया द्वारा थैलिमाइड का
पोटैशियम लवण बनाता है जो ऐल्किलएल्किल डैलाइड के साथ गरम करने के पशचात् क्षारीय
जलअपघटन द्वारा संगत प्राथमिक ऐमीन उत्पन्नएमीनउत्पन्न करता है। ऐरोमैटिक प्राथमिक ऐमीन इसएमीनइस
विधि से नहीं बनाई जा सकतीं क्योंकि ऐरिलएरिल हैलाइड थैलिमाइड रने प्राप्त ऋणायन
के साथ नाभिकरागी प्रतिस्थापन; अभिक्रिया नहीं कर सकते।
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===हॉफमान ब्रोमामाइड निम्मीकरण अभिक्रिया===
हॉफमान ने प्राथमिक ऐमीनोंएमीनों के विरचन के लिए एक विधि विकसित की जिसमेँ
किसी ऐमाइडएमाइड की NaOH के जलीय अथवा ऐथनॉलिक विलयन मे ब्रोमिन से
अभिक्रिया करते हैं। इस निम्नीकरण अभिक्रिया मे ऐल्किलएल्किल अथव ऐरिलएरिल समूह का
स्थानांतरण ऐमाइडएमाइड के कार्बोनिल कार्बन से ऐमीन केएमीनके कार्बोनिल परमाणु पर होता है।
इस प्रकार प्राप्त ऐमीनएमीनमे मे ऐमाइडएमाइड से एक कार्बन कम होता है।
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==भौतिक गुणधर्म==
निम्नतर ऐलिफैटिकएलिफैटिक ऐमीन मत्स्यएमीनमत्स्य गंध वाली गैसें हैं। तीन अथवा अधिक कार्बन परमाणु वाली
प्राथमिक ऐमीन द्रवएमीनद्रव तथा इससे उच्चतर ऐमीन ठोसएमीनठोस हैं। ऐनिलीन तथा अन्य ऐरिलऐमीन प्रायएरिलएमीनप्राय:
रंगहीन होती हैं। परंतु भंडारण के दौरान वातावरण द्वारा ऑक्सीकरण होने से रंगीन हो जाती हैं।
 
निम्नतर ऐलिफैटिकएलिफैटिक ऐमीन जलएमीनजल मे विलेय होती हैं, क्योंकि यह जल के अणुओं के साथ
हाइड्रोजन आबंध बना सकती हैं। हालांकि, अणुभार में वृद्धि के साथ जलविरागी (Hydrophlic)
ऐल्किलएल्किल भाग बढ़ जाता है अत: जल मे विलेयता घटती है। उच्चतर ऐमीन जलएमीनजल में आवश्यक
रूप से अविलेय होती हैं। ऐमीन कीएमीनकी नाइट्रोजन एवं अल्कोहॉल की ऑक्सीजन की विद्धुतऋणात्मकता
क्रमश: 3.0 एवं 3.5 मानने पर आप ऐमीनोंएमीनों एवं ऐल्कोहलों की जल मे विलेयता के पैटर्न की
प्रागुक्ति कर सकते हैं। ब्यूटेन-1-ऑल एवं ब्यूटेन-1 -ऐमीन मेएमीनमे से कौन जल मे अधिक विलेय
होगा और क्यों? ऐमीन कार्बनिकएमीनकार्बनिक विलायकों जैसे अल्कोहॉल, ईथर एवं बेंजीन में विलेय होती
है। आपको याद होगा कि अल्कोहॉल ऐमीन कीएमीनकी तुलना मे अधिक ध्रुवित होती हैं तथा ऐमीन कीएमीनकी
तुलना मे प्रबल अंतराआण्विक हाइड्रोजन आबंध बनाती हैं।
 
प्राथमिक एवं द्वितीयक ऐमीनोंएमीनों मे एक अणु का नाइट्रोजन परमाणु दूसरे अणु के हाइड्रोजन
परमाणु से आबंधित होने के कारण इनमें अंतराआण्विक संघटन होता है। यह अंतराआण्विक
संघटन प्राथमिक ऐमीनोंएमीनों मे द्वितीयक एमीनों की तुलना मे हाइड्रोजन आबंधन के लिए दो
हाइड्रोजन परमाणुओं की उपलब्धता के कारण अधिक हाता है। तृतीयक ऐमीन मेंएमीनमें नाइट्रोजन
पर हाइड्रोजन अणुओं के अभाव के कारण अंतराआण्विक संघटन नहीं होता। अत: समवयवी
ऐमीनोंएमीनों के क्वथनांकों का क्रम निम्नलिखित होगा-
प्राथमिक > द्वितीयक > तृतीयक
प्राथमिक ऐमीन मेएमीनमे उपस्थित अंतराआण्विक हाइड्रोजन आबंधन को चित्र में दर्शाया
गया है।
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पंक्ति 193:
|[[Image:Amine12.png]]
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|''प्राथमिक ऐमीन मेंएमीनमें अंतराअण्विक हाइड्रोजन आबंधन''
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लगभग समान आण्विक द्रव्यमान वली ऐमीनोंएमीनों , अल्कोहॉलों एबं एल्केनों के क्वथनांक
सारणी मे दर्शाए गए हैं।
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पंक्ति 202:
|[[Image:Ammine14.png]]
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|''सारणी -लगभग समान आण्विक द्रव्यमान वाली ऐमीनोंएमीनों , अल्कोहॉलों एबं एल्केनों के क्वथनांक की तुलना।''
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