"सदस्य:Shamzzee/एमीन": अवतरणों में अंतर
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रूप मे माना जा सकता है।
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|[[Image:Amine1.png]]
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==
[[अमोनिया]] क्री भाँति,
असहभाजित्त [[इलेक्ट्रॉन]] युगल है।
हैं तथा
कक्षकों में से प्रत्येक
कक्षकों से अतिव्यापन करता है।
==वर्गीकरण==
[[अमोनिया]] अणु में
संख्या के आधार पर
में किया जाता है। यदि अमोनिया में एक हाइड्रोजन परमाणु R अथवा Ar से प्रतिस्थापित हो
तो हमें प्राथमिक (1 ) एमीन R-NH2 अथवा Ar-NH2 प्राप्त होती है। यदि अमोनिया के दो
हाइड्रोजन परमाणु अथवा R-N H2 के एक हाइड्रोजन का प्रतिस्थापन अन्य
(R') समूह से होता है तब आप बया प्राप्त करेंगे? आपको द्वितीयक एमीन, R-NH-R’ प्राप्त
होगी। दूसरा एल्किल/
परमाणु का विस्थापन
कहते हैं।
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|[[Image:Amine2.png]]
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==नामपद्धति==
सामान्य पद्धति में
एक शब्द में, यानी
एवं तृतीयक
नाम से पहल पूर्वलग्न डाइ अथवा ट्राइ का प्रयोग किया जाता है। आइयूपीएसी पद्धति मे
का नामकरण ऐल्केनेमीन के रूप में होता है। उदाहरणार्थ CH3NH2 का नाम मेथेनेमीन है।
यदि मुख्य श्रृंखला में एक से अधिक स्थानों पर
स्थिति कार्बन परमाणु की संख्या जिससे ये जुड़े हों , से व्यक्त कर डाइ, ट्राइ आदि उपयुक्त
पूर्वलग्न लगाकर निर्दिष्ट की जाती है। हाइड्रोकार्बन भाग का अनुलग्न बनाए रखा जाता है।
उदाहरणार्थ… H2N-CH2-CH2-NH2 का नाम एथेन-1, 2-
सरल उदाहरण C6H5NH2 है। सामान्य पद्धति में इसे ऐनिलीन कहते हैं। यह
आइयूपीएसी पद्धति में भी स्वीकार्य नाम है।
अंग्रेजी में लिखे नाम के अंत में से 'e' अनुलग्न का प्रतिस्थापन एमीन ('amine')शब्द
से करते हैं। अत: आइयूपीएसी पद्धति में C6H5-NH2 का नाम बेंजीनएमीन होगा।
सारणी में कुछ एल्किल एवं
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|[[Image:Amine3.png]]
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|''कुछ
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==
===नाइट्रो यौगिकों का अपचयन===
नाइट्रो यौगिक सूक्ष्म विभाजित निकैल, पैलेडियम अथवा प्लेटिनम की उपस्थिति मे
हाइड्रोजन गैस प्रवाहित करने से
धातुओं द्वारा भी इनका अपचयन हो सकता है। इसी प्रकार से नाइट्रोऐल्कीन भी संगत
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पंक्ति 80:
===
आपने एकक 10 मे पढ़ा है कि
आबन्ध नाभिकरागी द्वारा सरलता से विदलित हो जाता है। अत:
हैलाइड अमोनिया के ऐथनॉलिक विलयन से नाभिकरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया करते
हैं जिसमें हैलोजन परमाणु ऐमिनो (-NH2) समूह से प्रतिस्थापित हो जाता है। अमोनिया
अणु द्वारा C-X आबन्ध के विदलन की प्रक्रिया को अमोनीअपघटन (ammonolysis)
कहते हैं। यह अभिक्रिया 373 K ताप पर सील बंद नालिका में कराते हैं। इस प्रकार
रने प्राप्त प्राथमिक
हैलाइड से अभिक्रिया करके द्वितीयक एवं तृतीयक एमीन तथा अंतत: चतुष्क
अमोनियम लवण बना सकती है।
पंक्ति 95:
|[[Image:Amine6.png]]
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इस अभिक्रिया में हैलाइडों की
है। अमोनियम लवण से मुक्त
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पंक्ति 112:
===नाइट्राइलों का अपचयन===
नाइट्राइल लीथियम
अपचित होकर प्राथमिक
आरोहण (ascent) में , अर्थात् प्रारंभिक
विरचन में किया जाता है।
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पंक्ति 125:
===
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|[[Image:Amine9.png]]
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|''
|}
पंक्ति 137:
=== गैब्रिएल थैलिमाइड संश्लेषण===
गैब्रिएल संश्लेषण का प्रयोग प्राथमिक
थैलिमाइड
पोटैशियम लवण बनाता है जो
जलअपघटन द्वारा संगत प्राथमिक
विधि से नहीं बनाई जा सकतीं क्योंकि
के साथ नाभिकरागी प्रतिस्थापन; अभिक्रिया नहीं कर सकते।
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पंक्ति 152:
===हॉफमान ब्रोमामाइड निम्मीकरण अभिक्रिया===
हॉफमान ने प्राथमिक
किसी
अभिक्रिया करते हैं। इस निम्नीकरण अभिक्रिया मे
स्थानांतरण
इस प्रकार प्राप्त
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पंक्ति 166:
==भौतिक गुणधर्म==
निम्नतर
प्राथमिक
रंगहीन होती हैं। परंतु भंडारण के दौरान वातावरण द्वारा ऑक्सीकरण होने से रंगीन हो जाती हैं।
निम्नतर
हाइड्रोजन आबंध बना सकती हैं। हालांकि, अणुभार में वृद्धि के साथ जलविरागी (Hydrophlic)
रूप से अविलेय होती हैं।
क्रमश: 3.0 एवं 3.5 मानने पर आप
प्रागुक्ति कर सकते हैं। ब्यूटेन-1-ऑल एवं ब्यूटेन-1 -
होगा और क्यों?
है। आपको याद होगा कि अल्कोहॉल
तुलना मे प्रबल अंतराआण्विक हाइड्रोजन आबंध बनाती हैं।
प्राथमिक एवं द्वितीयक
परमाणु से आबंधित होने के कारण इनमें अंतराआण्विक संघटन होता है। यह अंतराआण्विक
संघटन प्राथमिक
हाइड्रोजन परमाणुओं की उपलब्धता के कारण अधिक हाता है। तृतीयक
पर हाइड्रोजन अणुओं के अभाव के कारण अंतराआण्विक संघटन नहीं होता। अत: समवयवी
प्राथमिक > द्वितीयक > तृतीयक
प्राथमिक
गया है।
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पंक्ति 193:
|[[Image:Amine12.png]]
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|''प्राथमिक
|}
लगभग समान आण्विक द्रव्यमान वली
सारणी मे दर्शाए गए हैं।
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पंक्ति 202:
|[[Image:Ammine14.png]]
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|''सारणी -लगभग समान आण्विक द्रव्यमान वाली
|}
|