"काँगड़ा जिला": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
त्रिगर्त के नाम से प्रसिद्ध कांगड़ाकाँगड़ा हिमाचल प्रदेश की प्राचीनतम रियासत है। महाभारत काल में इसकी स्थापना राजा सुशर्मा ने की थी। कांगड़ाकाँगड़ा को ‘त्रिगर्त’ के अलावा ‘नगरकोट’ के नाम से भी जाना जाता है। प्रचीनकालप्राचीनकाल में यह कटोच राजाओं का केंद्रकेन्द्र रहा। ग्यारवीं शताब्दी में हिंदूहिन्दू शाही वंश के शासक जयपाल की पूर्वी सीमा कांगड़ाकाँगड़ा था। सन् 1399 में तैमूर ने कांगड़ाकाँगड़ा पर आक्रमण किया था। जहांगीरजहाँगीर के समय 1620 ई.ई॰ में कांगड़ाकाँगड़ा को मुगल साम्राज्य में जिला मिला लिया गया। उसके पश्चात कांगड़ाकाँगड़ा की स्थानीय राजपूत शैली और मुगल शैली से मिश्रित चित्रकारी की शैली विकसित हुई। 1785 ई.ई॰ के पश्चातपश्चात् संसारचंद व रणजीत सिंह का भी कांगड़ाकाँगड़ा पर अधिकार रहा। सन् 1966 के पंजाब पुनर्गठन के फलस्वरूप कांगड़ाकाँगड़ा को हिमाचल प्रदेश को सौंप दिया गया। पहली1 सितंबरसितम्बर, 1972 को कांगड़ाकाँगड़ा जिला के तीन भाग कर ऊना, हमीरपुर, कांगड़ाकाँगड़ा जिलों का निर्माण किया गया।
 
'''क्षेत्रफल''' - वर्ग कि॰मी॰