"सदस्य:Chitra iyer25/भारतीय व्यंजन": अवतरणों में अंतर

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पूर्व भारत के लोग बिल्कुल सादा खाना खाते हैं।तैयारी और सामग्रियाँ, दोनो ही ज़्यादा विस्तृत नहीं हैं।भाप से पकाना और फ्राय करना पकाने के प्रसिद्ध तकनीक हैं।पूर्व भारत में आने वाले रज्य हैं बंगाल,सिक्किम,असाम,अरुणाचल प्रदेश,मेघालया,मणिपुर,मिज़ोराम,नागालैंड,त्रिपुरा और ओदिशा। तटीय क्षेत्रों मे मछली सबसे प्रथम पसंदिदार खाना है जब की अंतरदेशीय जगहों में शूकर-मांस का काफी उपयोग होता है।चावल यहाँ सबसे अधिक मात्रा में खाया जाता है।
सरसों के बीज और पेस्ट,लाल और हरी मिर्च,पाँच फोरन(जीरा,प्याज़ के बीज,सरसों के बीज,सौंफ और मेथी के बीज के मिश्रण से बना) महत्वपूर्ण सामग्रियाँ हैं।दही,नारियल,मकई और बेसन भी सामान्य है।दूध और उसके उत्पादों का यहाँ के मिठाइयों की तैयारी मे काफी महत्व है।सरसों का तेल यहाँ मशहूर है और ज़्यादातर सभी व्यंजनों को पकाने मे इस्तमाल किया जाता है।मोमोस,थुकपा,टमाटर का आचार,मच्छेर झोल,झाल-मुरी,संदेश,रसगुल्ला,आदि यहाँ के सबसे विख्यात व्यंजनों मे से है।
 
==पश्चिमी भारतीय व्यंजन==
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==दक्षिण भारतीय व्यंजन==
 
दक्षिण भारत में आने वाले राज्य हैं तमिल नाडु,केरला,कर्नाटका और आन्ध्र प्रदेश।विपुल वर्षा के कारण यहाँ फल,सब्ज़ी और चावल का भी रसद अधिक है।आंध्र प्रदेश में बने व्यंजनों की खासियत यह है कि इनको बनाने में तीक्षण पाक-प्रणाली का उपयोग किया जाता है।हालाँकि,यहाँ पर आमतौर पर शाकाहारी भोजन का सेवन किया जाता है,परंतु समुद्री किनारे पर मात्रा में विभिन्न समुद्री भोजन भी पकाया जाता है।तमिलनाडु का चेट्टिनाड भोजन आंध्रा की तीक्ष्णना से ही कैइं कदम आगे है।हिंदुस्तान के सभी प्रदेशों की तुलना में मिर्ची का प्रयोग सबसे अधिक होता है।यहाँ पर भी निरामिष पदार्थ की शैली व्याप्त है।केरला की भोजन विधी मलबार प्रणाली से बनाई जाती है।यहाँ पर भी सागर संपदा की भरमार के कारण इन व्यंजनों की मानो नुमाय्श ही लग जाती है।हैगराबाद निज़ामों की कर्मभूमि रही है।अतः मीठे खट्टे से लेकर मसालेदार खाने में शाही स्वाद की भरमार होती है।हैदराबादी खाना सूखे मेवे,काजू,किशमिश,बादाम तथा लज़ीज़ एवं महंगे केसर से समृद्ध होता है।
दक्षिण भारत में आने वाले राज्य हैं तमिल नाडु,केरला,कर्नाटका और आन्ध्र प्रदेश।विपुल वर्षा के कारण यहाँ फल,सब्ज़ी और चावल का भी रसद अधिक है।
दक्षिण के व्यंजन भारत के सबसे चट्पटे व्य्ंजनों मे से है।लोग अधिअकतर चावल खाते हैं जिसे साम्भर,रसम,सूखी या गीली सब्ज़ियों,और पापड के साथ मिलाकर खाया जाता है।दक्षिण भारत के वासी फ़िल्टर कॉफ़ी के प्रेमी हैं।नारियल के तेल क यहाँ पकाने में ज़्यादातर प्रयोग किया जाता है परंतु कनोला और सूरजमुखी जैसे वनस्पति तेलों का भी उपयूग होता है।चावल के ऊपर घी डालकर खान यहाँ की एक अनोखी बात है।करी पत्ता,सरसों,हींग,काली मिर्च,इमली,मिर्ची,और मेथी यहाँ के व्यंजनों की महत्वपूर्ण सामग्रियाँ है।इडली,दोसा,वडा,साम्भर,रसम,पायसम,उपमा,अवियल,पऴम पोरी,आदि अहाँ के खास व्यंजन हैं।