"लाल क़िला": अवतरणों में अंतर

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यह वास्तुकला सम्बंधी प्रतिभा एवं शक्ति का प्रतीक है। सन 1913में इसे राष्ट्रीय महत्व के स्मारक घोषित होने से पूर्वैसकी उत्तरकालीनता को संरक्षित एवं परिरक्षित करने हेतु प्रयास हुए थे।
 
इसकी दीवारें, काफी सुचिक्कनता से तराशी गईं हैं। <!---The walls of the fort are smoothly dressed, articulated by heavy string-courses along the upper section.---> ये दीवारें दो मुख्य द्वारों पर खुली हैं ― [[दिल्ली गेट|दिल्ली दरवाज़ा]] एवं [[लाहौर गेट|लाहौर दरवाज़ा]]। लाहौर गेटदरवाज़े इसका मुख्य प्रवेशद्वार है। इसके अन्दर एक लम्बा बाजार है, चट्टा चौक, जिसकी दीवारें दुकानों से कतारित हैं। इसके बाद एक बडा़ खुला स्थान है, जहाँ यह लम्बी उत्तर-दक्षिण सड़क को काटती है। यही सड़क पहले किले को सैनिक एवं नागरिक महलों के भागों में बांटती थी। इस सड़क का दक्षिणी छोर दिल्ली गेट पर है।
 
=== नक्करख़ाना ===
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दक्षिण से तीसरा मण्डप है '''खास महल'''। इसमें शाही कक्ष बने हैं। इनमें राजसी शयन-कक्ष, प्रार्थना-कक्ष, एक बरामदा और '''मुसम्मन बुर्ज''' बने हैं। इस बुर्ज से बादशाह जनता को दर्शन देते थे।
 
=== दीवान-ए-खासख़ास ===
[[चित्र:Delhi_Red_Fort.jpg|thumb|300px|''दीवान-ए-खास'', राजसी निजी सभा कक्ष]]
अगला मण्डप है '''दीवान-ए-खास''', जो राजा का मुक्तहस्त से सुसज्जित निजी सभा कक्ष था। यह सचिवीय एवं मंत्रीमण्डल तथा सभासदों से बैठकों के काम आता थाइस म्ण्डप में [[पीट्रा ड्यूरा]] से पुष्पीय आकृति से मण्डित स्तंभ बने हैं। इनमें सुवर्ण पर्त भी मढी है, तथा बहुमूल्य रत्न जडे़ हैं। इसकी मूल छत को रोगन की गई काष्ठ निर्मित छत से बदल दिया गया है। इसमें अब रजत पर सुवर्ण मण्डन किया गया है।