"चम्बा, हिमाचल प्रदेश": अवतरणों में अंतर

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चंबा के शाही परिवारों का यह निवास स्थल राजा उमेद सिंह ने 1748 से 1764 के बीच बनवाया था। महल का पुनरोद्धार राजा शाम सिंह के कार्यकाल में ब्रिटिश इंजीनियरों की मदद से किया गया। 1879 में कैप्टन मार्शल ने महल में दरबार हॉल बनवाया। बाद में राजा भूरी सिंह के कार्यकाल में इसमें जनाना महल जोड़ा गया। महल की बनावट में ब्रिटिश और मुगलों का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। 1958 में शाही परिवारों के उत्तराधिकारियों ने हिमाचल सरकार को यह महल बेच दिया। बाद में यह महल सरकारी कॉलेज और जिला पुस्तकालय के लिए शिक्षा विभाग को सौंप दिया गया।
 
==कूंरा ==
ज़िला मुख्यालय से 53 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है। उक्त गाँव में भी गड्ढी समुदाय के लोग रहते हैं। बताया जाता है कि महभारत काल के दौरान जब कौरवों ने पांडवों की वनवास दिया था तो इस दौरान पांडवों ने माता कुन्ती के साथ दोपहर का भोजन किया था, जिनके नाम पर ही उक्त गाँव का नाम पहले कुन्तापुरी पड़ा था जिसको लोगों ने धीरे धीरे अपनी सहजता के हिसाब के बोलने के लिए कूंरा का नाम दे दिया।
 
==छतराड़ी==