'''भारतीय क्रांति दल''' एक भारतीय राजनैतिक दल था। जिसको १९६७ में लखनऊ की एक सभा में बनाया गया था। इसके संस्थापक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री [[चौधरी चरण सिंह]] थे। इस दल को विशेषकर किसान वर्ग के लिए बनाया था। और इसका चुनाव चिन्ह '''हलधर कृषक''' था। परन्तु उस समय देश की राजनीति पर सबसे ज्यादा प्रभावशाली दल [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] ने इसका घोर विरोध किया। चौधरी साहब के विरोधियों की संख्या बढती गई। कांग्रेस की नीतियां मुस्लिम परस्त हो गई थीं। और कांग्रेस चौधरी चरण सिंह के विरोध में एडी चोटी का जोर लगा रही थी। मुसलमानों के बडे दल चौधरी चरण सिंह साहब का विरोध कर रहे थे और कांग्रेस मुसलमानों का पूरा लाभ ले रही थी। १९७५ तक आते आते भारतीय क्रान्ति दल पूरी तरह पस्त हो गया था। सभी बडे बडे राजनैतिक दल और राजनैतिक नेता चौधरी चरण सिंह का विरोध कर रहे थे। उस समय [[हिन्दू महासभा]] ने कई क्षेत्रीय दलों को एकित्र किया और कांग्रेस का पत्ता साफ करने की निति बनाई। कई दलों को एक करके [[जनता पार्टी]] का गठन किया गया और १९७७ में भारतीय क्रान्ति दल का का विलय [[जनता पार्टी]] में हो गया। चौधरी चरण सिंह को उसमें प्रमुख नेता चुना गया। और १९७९ में कांग्रेस को लोकसभा चुनावों में हराया।
'''भारतीय क्रांति दल''' [[भारत]] का एक राजनैतिक दल था जिसकी स्थापना १९६७ में [[चौधरी चरण सिंह]] ने की थी। सन १९७७ के आम चुनावों के बाद यह दल [[जनता पार्टी]] में विलीन कर दिया गया।