"जमशेदजी टाटा": अवतरणों में अंतर

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== आरम्भिक जीवन ==
उनका जन्म सनसन् १८३९ में गुजरात के एक छोटे से कस्बे '''नवसेरी''' में हुआ थाउनकेथा, उनके पिता जी का नाम '''नुसीरवानजी''' था व उनकी माता जी का नाम '''जीवनबाई टाटा''' था। [[पारसी]] पादरियों के अपने खानदान में नुसीरवानजी पहले व्यवसायी थे। भाग्य उन्हें बंबईबम्बई ले आया, जहाँ उन्होनेउन्होंने व्यवसाय (धंधे) में कदम रखा। जमशेदजी 14१४ साल की नाज़ुक उम्र में ही उनकापिताजी का साथ देने लगे। जमशेदजी ने एल्फिंस्टन कालेजकॉलेज (Elphinstone College) में प्रवेश लिया और अपनी पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने '''हीरा बाई दबू''' से विवाह कर लिया था। वे 1858१८५८ में स्नातक हुए और अपने पिता के व्यवसाय से पूरी तरह जुड़ गए।गये।
 
== उद्योग का आरम्भ ==
वह दौर बहुत कठिन था। अंग्रेजअंग्रेज़ अत्यंत बर्बरता से 1857१८५७ किकी क्रान्ति को कुचलने में सफल हुए थे। 29२९ साल ककीकी आयु तक जमशेदजी अपने पिता जीपिताजी के साथ ही काम करते रहे। 1868१८६८ में उन्होनेउन्होंने 21000 रुपयों के साथ अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। सबसे पहले उन्होनेउन्होंने एक दिवालिया तेल कारखाना ख़रीदा और उसे एक रुई के कारखाने में तब्दील कर दिया औरतथा उसका नाम बदल कर रखा - एलेक्जेंडर मिल (Alexender Mill) ! दो साल बाद उन्होनेउन्होंने इसे खासे मुनाफेमुनाफ़े के साथ बेच दिया। इस पैसे के साथ उन्होंने [[नागपुर]] में 1874१८७४ में एक रुई का कारखाना लगाया। महारानी विक्टोरिया ने उन्हीउन्हीं दिनों भारत की रानी का खिताब हासिल किया था और जमशेदजी ने भी वक़्त को समझते हुए कारखाने का नाम '''इम्प्रेस्स मिल''' (Empress Mill) (Empress का मतलब ‘महारानी’) रखा।
 
== महान दूरदर्शी ==
जमशेदजी एक अलग ही व्यक्तित्व के मालिक थे। उन्होंने ना केवल कपड़ा बनाने के नए नएनये-नये तरीक़े ही अपनाएअपनाये बल्कि अपने कारखाने में काम करने वालेकरनेवाले श्रमिकों का भी खूब ध्यान रखा। उनके भले के लिए जमशेदजी ने अनेक नईनयी व बेहतर श्रम-नीतियाँ अपनाई।अपनाईं। इस नज़र से भी वे अपने समय सेमें कहीँकहीं आगे थे। सफलता को कभी केवल अपनी जागीरज़ागीर नहीनहीं समझा, बल्कि उनके लिए उनकी सफलता उन सब की थी जो उनके लिए काम करते थे। जमशेद जीजमशेदजी के अनेक राष्ट्रवादी और क्रांतिकारीक्रान्तिकारी नेताओं से नजदीकी संबंधसम्बन्ध थे, इन मेंइनमें प्रमुख थे, [[दादाभाई नौरोजी]] और [[फिरोजशाह मेहता]]। जमशेदजी पर और उनकी सोचसोंच पर इनका काफी प्रभाव था।
 
उनका मानना था कि '''आर्थिक स्वतंत्रता ही राजनीतिक स्वतंत्रता का आधार है'''। जमशेद जीजमशेदजी के दिमाग में तीन बडेबड़े विचार थे -थे— एक, अपनी लोहा व स्टील कंपनीकम्पनी खोलना ; दूसरा, एक जगत प्रसिद्ध अध्ययन केंद्रकेन्द्र स्थापित करना ; व तीसरा, एक [[जलविद्युत]] परियोजना (Hydro-electric plant) लगाना। दुर्भाग्यवश! उनके जीवन काल में तीनों में से कोई भी सपना पूरा ना हो सका।सका, पर वे बीज तो बो ही चुके थे, एक ऐसा बीज जिसकी जड़ें उनकी आने वाली पीढ़ी ने अनेक देशों में फैलायीं। जो एक मात्र सपना वे पूरा होता देख सके वह था -था— '''होटल ताज महलताजमहल'''। यह दिसंबरदिसम्बर 1903 में 4,21,00,000 रुपये के शाही खर्च से तैयार हुआ। इसमेइसमें भी उन्होनेउन्होंने अपनी राष्ट्रवादी सोचसोंच को दिखाया था। उन दिनों स्थानीय भारतीयों को बेहतरीन यूरोपियन होटलों में घुसने नही दिया जाता था। [[ताजमहल होटल]] इस दमनकारी नीति का करारा जवाब था।
 
1904 में [[जर्मनी]] में उन्होनेउन्होंने अपनी अन्तिम सांससाँस ली।
 
== भारत के औद्योगिक विकास में योगदान ==
भारतीय औद्योगिक क्षेत्र में जमशेदजी का योग असाधारण महत्वमहत्त्व रखता है। इन्होंने भारतीय औद्योगिक विकास का मार्ग ऐसे समय में प्रशस्त किया, जब उस दिशा में केबलकेवल यूरोपीय, विशेषत: अंग्रेज, ही कुशल समझे जाते थे। इंग्लैड की प्रथम यात्रा से लौटकर इन्होंने चिंचपोकली के एक तेल मिल को कताई -बुनाई मिल में परिवर्तित कर औद्योगिक जीवन का सूत्रपात किया। किंतुकिन्तु अपनी इस सफलता से उन्हें पूर्ण संतोषसन्तोष न मिला। पुन: इंग्लैंड की यात्रा की। वहाँ [[लंकाशायर]] के से बारीक वस्त्र की उत्पादनविधिउत्पादन विधि और उसके लिए उपयुक्त जलवायु का अध्ययन किया। इसके लिए उन्होंने [[नागपुर]] को चुना और वहाँ वातानुकूलित [[सूत]] [[मिल|मिलों]] की स्थापना की। इस तरह लंकाशायर का जलवायु कृत्रिम साधनों से नागपुर की मिलों में उपस्थित कर दिया।
 
औद्योगिक विकास कार्यों में जमशेदजी यहीं नहीं रुके।रूके। देश के सफल औद्योगीकरण के लिए उन्होंने इस्पात कारखानों की स्थापना की महत्वपूर्णमहत्त्वपूर्ण योजना बनाई।बनायी। ऐसे स्थानों की खोज की जहाँ लोहे की खदानों के साथ कोयला और पानी सुविधा से प्राप्त हो सके। अंतत: आपने बिहार के जंगलों में सिंहभूमि जिले में वह स्थान (इस्पात की दृष्टि से बहुत ही उपयुक्त) खोज निकाला।
 
जमशेद जीजमशेदजी की अन्य बड़ी उल्लेखनीय योजनाओं में पश्चिमी घाटों के तीव्र धाराप्रपातोंजलप्रपातों से बिजली उत्पन्न करनेवाला विशाल उद्योग है, जिसकी नींव ८ फ़रवरी १९११ को लानौली में गवर्नर द्वारा रखी गई।गयी। इससे [[मुम्बई|बंबईबम्बई]] की समूची विद्युत्विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति होने लगी।
 
इन विशाल योजनाओं को कार्यान्वित करने के साथ ही टाटा ने पर्यटकों की सुविधा के लिए बंबईबम्बई में [[ताजमहल होटल]] खड़ा किया जो पूरे [[एशिया]] में अपने ढंग का अकेला है।
 
सफल औद्योगिक और व्यापारी होने के अतिरिक्त सर जमशेदजी उदार चित्त के व्यक्ति थे। वे औद्योगिक क्रांतिक्रान्ति के अभिशाप से परिचित थे और उसके कुपरिणामों से अपने देशवासियों, विशेषत: मिल मजदूरों को बचाना चाहते थे। इसी उद्देश्य से उन्होंने मिलों की चहारदीवारी के बाहर उनके लिए पुस्तकालयों, उद्दानों (पार्कों), आदि की व्यवस्था के साथ-साथ दवा आदि की सुविधा भी उन्हें प्रदान की।
 
== यह भी देखें ==
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* [[टाटा स्टील]]
* [[टाटा परिवार]]
* [[जहांगीरजहाँगीर रतनजी दादाभाई टाटा|जेआरडी टाटा]]
 
== बाहरी कड़ियाँ ==