"नवधा भक्ति": अवतरणों में अंतर
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'''सख्य''': ईश्वर को ही अपना परम मित्र समझकर अपना सर्वस्व उसे समर्पण कर देना तथा सच्चे भाव से अपने पाप पुण्य का निवेदन करना।
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== [[रामचरितमानस]] में नवधा भक्ति ==
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