"गुजराती विश्वकोश": अवतरणों में अंतर

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==इतिहास==
गुजराती भाषा में ज्ञानकोश बनाने का विचार सर्वप्रथम संत श्री मोटाने के मन में आया। इसके लिये उन्होने [[गुजरात विश्वविद्यालय]] को १० लाख रूपयों का दान दिया। विश्वविद्यालय ने इसके लिये एक विभाग रचकर [[धीरूभाई ठाकर|डॉ.डॉ॰ धीरुभाइ ठाकर]] को इसका कार्य सौंपा। किन्तु सरकारी सहायता न मिलने के कारण काम आगे न बढ़ सका। १९८५ में गुजराती विश्वकोश ट्रस्ट की स्थापना हुई। श्रेणीक्भाइ कस्तुरभाइ उसके प्रथम अध्यक्ष बने।
 
==प्रमुख विशेषताएँ==