"धारा स्रोत": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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* बैटरी को आवेशित करते समय कुछ वोल्टेज आने तक उसे नियत धारा देकर चार्ज किया जाता है। इसके बाद उसे नियत वोल्टेज रखते हुए चार्ज किया जाता है। इस विधि से चार्ज करने पर चार्ज करने का समय कम लगता है तथा बैटरी के जीवनकाल भी नहीं घटता।
* [[वेल्डन]] के लिये (Shielded metal arc welding तथा gas tungsten arc welding )
== इन्हें भी देखें==
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