"उस्मानी साम्राज्य": अवतरणों में अंतर

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|image_map_caption = उस्मानी साम्राज्य 1683 में
|capital = [[इस्तानबुल]] (1453-1922)
|common_languages = [[उस्मानी तुर्कतुर्की भाषा|उस्मानी तुर्कतुर्की]] (आधिकारिक), [[अरबी भाषा|अरबी]] (पवित्रधार्मिक), कई अन्य
|government_type =[[पूर्ण राजशाही]]<br/><small>(1299–1876)</small><br/><small>(1878–1908)</small><br/><small>(1918–1922)</small><br/>[[संवैधानिक राजशाही]]<br/><small>(1876–1878)</small><br/><small>(1908–1918)</small>
|title_leader = [[सुल्तान]]
|leader1 = [[उस्मान प्रथम]] <small>(पहला)</small>
|year_leader1 = 1299–1326
|leader2 = [[महमद छठा]] <small>(आखिरीआख़िरी)</small>
|year_leader2 = 1918–1922
|title_deputy = [[वज़ीर]]
|deputy1 = अलाउद्दीन पाशा <small>(पहला)</small>
|year_deputy1 = 1320–1331
|deputy2 = अहमद पाशा <small>(आखिरीआख़िरी)</small>
|year_deputy2 = 1920–1922
|legislature = महासभा
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[[File:1526 - Battle of Mohács.jpg|thumb|180px|मोहैच का युद्ध, १५२६]]
[[शानदार सुलेमान]] (१५१२-१५६६) ने १५२१ में बेलग्रेड पर कब्ज़ा किया। उसने उस्मानी-हंगरी युद्धों में हंगरी राज्य के मध्य और दक्षिणी हिस्सों पर विजय प्राप्त की। १५२६ की मोहैच की लड़ाई में एतिहासिक विजय प्राप्त करने के बाद उसने तुर्की का शासन आज के हंगरी (पश्चिमी हिस्सों को छोड़ कर) और अन्य मध्य यूरोपीय प्रदेशो में स्थापित किया। १५२९ में उसने वियना पर चढाई की पर शहर को जीत पाने में असफल रहा। १५३२ में उसने वियना पर दुबारा हमला किया पर गून्स की घेराबंदी के दौरान उसे वापस धकेल दिया गया। समय के साथ ट्रान्सिल्व्हेनिया, वलाचिया और मोल्दाविया उस्मानी साम्राज्य की आधीनस्त रियासतें बन गयी। पूर्व मे, १५३५ में उस्मानी तुर्कों ने फारसियों से बग़दाद जीत लिया और इस तरह से उन्हें मेसोपोटामिया पर नियंत्रण और फारस की खाड़ी जाने के लिए नौसनिक रास्ता मिल गया।
 
फ्रांस और उस्मानी साम्राज्य हैब्सबर्ग के शासन के विरोध में संगठित हुए और पक्के सहयोगी बन गए। फ्रांसिसियो ने १५४३ में नीस पर और १५५३ में कोर्सिका पर विजय प्राप्त की। ये जीत फ्रांसिसियो और तुर्को के संयुक्त प्रयासों का परिणाम थी जिसमे फ्रांसिसी राजा फ्रांसिस प्रथम और सुलेमान की सेनायों ने हिस्सा लिया था और जिसकी अगुवाई उस्मानी नौसेनाध्यक्षों बर्बरोस्सा हय्रेद्दीन पाशा और तुर्गुत रेइस ने की थी। १५४३ में नीस पर कब्जे से एक महीने पहले फ्रांसिसियो ने उस्मानियो को सेना की एक टुकड़ी दे कर एस्तेर्गोम पर विजय प्राप्त करने में सहायता की थी। १५४३ के बाद भी जब तुर्कियों का विजयाभियान जारी रहा तो आखिरकार १५४७ में हैब्सबर्ग के शासक फेर्दिनंद ने हंगरी का उस्मानी साम्राज्य में आधिकारिक रूप से विलय स्वीकार कर लिया।