"अपोलो १": अवतरणों में अंतर

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== दूर्घटना ==
अपोलो १ यह अंतरिक्ष यात्रा के लिये बनाया जरूर गया था लेकिन इसका उद्देश्य चंद्रमा की यात्रा नही था इसलिये इसमे लैंड करने के लिये उपकरण नही थे। यान मे यात्री नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूट जाने की स्थिती मे की जाने वाली स्थिती मे होने वाली क्रियाओ की जरूरी जांच मे लगे थे। ६.३१ मिनट पर नियंत्रण कक्ष को एक सही तरह से काम कर रही [[COM]] लींक से कैफी की आवाज मे एक संदेश मिला की काकपिट मे आग लगी है। कुछ सेकंड बाद एक तेज चीख के साथ संपर्क पूरी तरह टूट गया। टीवी के मानीटर पर व्हाइट को यान का द्वार खोलने की कोशीश करते देखा गया। यान इस तरह से बना था कि द्वार अंदर की ओर खुलता था लेकिन्न आक्सीजन का दबाव बाहर की ओर होने से उसे खोलने नही दे रहा था। इससे ज्यादा बूरी बात यह थी कि दरवाजे को खोलने के लिये यात्रीयो को कई बोल्ट खोलने थे। आक्सीजन का दबाव बडते जा रहा था। कुछ देर मे वह इतना हो गया कि दरवाजा खोलना असंभव हो गया था।
[[चित्र:Apollo 1 fire.jpg|thumb|leftright|अपोलो १ के जले हुये अवशेष।]]
 
आक्सीजन की वजह से आग तेजी से फैली और पल भर मे सब कुछ खत्म हो गया। यान बीना प्रक्षेपण के ही जलकर राख हो या। यह सिर्फ १७ सेकंड के बीच मे हो गया। तीनो यात्री शहीद हो गये !