"नर्मदा नदी": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Indiarivers.png|right|thumb|300px|'''नर्मदा''' और भारत की अन्य नदियाँ]]
[[चित्र:Narmadarivermap.jpg|thumb|नर्मदा नदी का प्रवाह क्षेत्र]]
'''नर्मदा''' मध्य [[भारत]] के [[मध्य प्रदेश]] और [[गुजरात]] [[राज्य]] में बहने वाली एक प्रमुख [[नदी]] है। महाकाल पर्वत के [[अमरकण्टक]] शिखर से नर्मदा नदी की उत्पत्ति हुई है। इसकी लम्बाई प्रायः 1310 किलोमीटर है। यह नदी पश्चिम की तरफ जाकर खम्बात की खाड़ी में गिरती है। इस नदी के किनारे बसा शहर [[जबलपुर]] उल्लेखनीय है। इस नदी के मुहाने पर डेल्टा नहीं है। जबलपुर के निकट [[भेड़ाघाट]] का नर्मदा जलप्रपात काफी प्रसिद्ध है। इस नदी के किनारे अमरकंटक, [[नेमावर]], [[शुक्लतीर्थ|गुरुकृपा आश्रम झीकोली, शुक्लतीर्थ]] आदि प्रसिद्ध तीर्थस्थान हैं जहाँ काफी दूर-दूर से यात्री आते रहते हैं। नर्मदा नदी को ही उत्तरी और दक्षिणी भारत की सीमारेखा माना जाता है।
 
== उद्गम एवं मार्ग ==
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मानसून के मौसम के दौरान धुंआधार जलप्रपात भेडाघाट का दर्शय]]
[[File:Narmada river.jpg|thumb|right|मानसून के मौसम के दौरान धुँआधार जल प्रपात का दर्शय]]
इसके बाद 30 फीट ऊँचे धुँआधार नामक प्रपात को पार कर यह दो मील तक एक संकरे मार्ग से होकर बहने के बाद जलोढ़ मिट्टी के उर्वर मैदान में प्रवेश करती है, जिसे "नर्मदाघाटी" कहते हैं। यह घाटी विंध्य और सातपुड़ा पहाड़ियों के मध्य में स्थित है। जबलपुर और [[होशंगाबाद]] के बीच इसके किनारे 40फ़ तक ऊँचे हैं। इसी बीच में एक 340फ़ ऊँचा प्रपात भी है। पहाड़ियों से बाहर आने के बाद पुन: यह एक खुले मैदान में प्रवेश करती है। झिकोली ग्राम मैं गुरुकृपा आश्रम नर्मदाजी के दक्षिण तट पर वह स्थान हैं जहां परमहंस श्री धूनी वाले दादा जी गौरीशंकर जी महाराज की जमात के साथ रुका करते थे।
[[File:Omkareshwar1.JPG|thumb|left|ओंकारेश्वार मेँ नर्मदा नदी]]