"बृजमोहन लाल मुंजाल": अवतरणों में अंतर

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1956 में पंजाब सरकार ने साइकिलें बनाने का लाइसेंस जारी किया। यह लाइसेंस उनकी कंपनी को मिला और यहां से उनकी दुनिया बदल गई। सरकार
से 6 लाख रुपये की वित्तीय मदद और अपनी पूंजी के साथ हीरो साइकिल्स को 'बड़े स्तर की इकाई' का दर्जा दिलवाते हुए साइकिल निर्माण में कदम रखा। <ref>{{cite news|title=Brijmohan Lall Munjal: A Hero for Life|url=http://forbesindia.com/article/leaderhip-awards-2013/brijmohan-lall-munjal-a-hero-for-lifes/36351/0|accessdate=10 January 2015|publisher=Forbes}}</ref> उस समय कंपनी की सालाना उत्पादन क्षमता 7,500 साइकिलों की थी। 1975 तक यह भारत की सबसे बड़ी साइकिल कंपनी बन चुकी थी और 1986 में हीरो साइकिल का नाम [[गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स|गिनीज़ बुक]] में दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल कंपनी के रूप में दर्ज किया गया।<ref>{{cite web|title=Amazing story of how Munjal built Hero Honda|url=http://www.rediff.com/money/2007/jun/11bspec.htm|website=रीडिफ.comकॉम|accessdate=10 January 2015}}</ref>
 
==हीरो होंडा==