"रामकृष्ण परमहंस": अवतरणों में अंतर
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|caption = रामकृष्ण दक्षिणेश्वर
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|birth_place= कामारपुकुर, बंगाल
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== जीवनी ==
=== जन्म ===
[[चित्र:Kamarpukur Ramakrishna Hut.jpg| thumb | left|[[कामारपुकुर]]
मानवीय मूल्यों के पोषक संत रामकृष्ण परमहंस का जन्म १८ फ़रवरी १८३६ को बंगाल प्रांत स्थित कामारपुकुर ग्राम में हुआ था। इनके बचपन का नाम गदाधर था। पिताजी के नाम खुदिराम और माताजी के नाम चन्द्रमणीदेवी था।उनके भक्तो के अनुसार रामकृष्ण के माता पिता को उनके जन्म से पहले ही अलौकिक घटनाओ और दृश्यों का अनुभव हुआ था । गया में उनके पिता खुदीराम ने एक स्वप्न देखा था जिसमे उन्होंने देखा की भगवान गदाधर ( विष्णु के अवतार ) ने उन्हें कहा की वे उनके पुत्र के रूप में जन्म लेंगे । उनकी माता चंद्रमणि देवी को भी ऐसा एक अनुभव हुआ था उन्होंने शिव मंदिर में अपने गर्भ में रोशनी प्रवेश करते हुए देखा ।<br />
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=== वैराग्य और साधना ===
कालान्तर में बड़े भाई भी चल बसे। इस घटना से वे व्याथित हुए। संसार की अनित्यता को देखकर उनके मन
दक्षिणेश्वर स्थित पंचवटी
चन्द्रमणी देवी ने अपने बेटे की उन्माद की अवस्था से चिन्तत होकर गदाधर का विवाह [[शारदा देवी]] से कर दिया।
इसके बाद भैरवी व्राह्मणी का दक्षिणेश्वर
उन्होंने तोतापुरी महाराज से [[अद्वैत]] [[वेदान्त]] की ज्ञान लाभ की और जीवन्मुक्त की अवस्था को प्राप्त किया। सन्यास ग्रहण करने के वाद उनका नया नाम हुआ श्रीरामकृष्ण परमहंस। इसके बाद उन्होंने ईस्लाम और क्रिश्चियन धर्म की भी साधना की।
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=== मृत्यु ===
अंत
[[चित्र:Ramakrishna Marble Statue.jpg|thumb|right|[[ रामकृष्ण मिशन ]] का मुख्यालय [[ बेलुड़ मठ ]]
== उपदेश और वाणी ==
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