"विराटनगर, राजस्थान": अवतरणों में अंतर

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'''विराट नगर (बैराठ)''' [[राजस्थान]] [[प्रान्त]] के [[जयपुर]] जिले का एक [[शहर]] है। इसका पुराना नाम बैराठ है। विराट नगर [[राजस्थान]] में उत्तर मे स्थित है। यह [[नगरी]] प्राचीन [[मत्स्य राज]] की [[राजधानी]] रही है। चारो और सुरम्य पर्वतों से घिरे प्राचीन मत्स्य देश की राजधानी रहे विराटनगर में पुरातात्विक अवशेषों की सम्पदा बिखरी पड़ी है या भूगर्भ में समायी हुई है।
 
[[विराट नगर]] [[अरावली]] की पहाडियों के मध्य में बसा है। राजस्थान के [[जयपुर]] जिले में शाहपुरा से उत्तर-पूर्व की तरफ 25 किलोमीटर दूर विराट नगर कस्बा अपनी पौराणिक ऐतिहासिक विरासत को आज भी समेटे हुए है।
 
'''विराटनगर''' नाम से प्राय: लोगों को भ्रम हो जाता है। विराटनगर नामक एक क़स्बा नेपाल की सीमा में भी है। किन्तु नेपाल का विराट नगर, महाभारत कालीन विराटनगर नहीं है। पावनधाम श्री पञ्चखंडपीठ से सम्बन्ध विराटनगर पौराणिक, प्रगेतिहासिक, महाभारतकालीन तथा गुप्तकालीन ही नहीं मुगलकालीन महत्वपूर्ण घटनाओ को भी अपने में समेटे हुए, राजस्थान के जयपुर और अलवर जिले की सीमा पर स्थित है विराटनगर में पौराणिक शक्तिपीठ, गुहा चित्रों के अवशेष, बोद्ध माथों के भग्नावशेष, अशोक का शिला लेख और मुगलकालीन भवन विद्यमान है। अनेक जलाशय और कुंड इस क्षेत्र की शोभा बढा रहे है। प्राकर्तिक शोभा से प्रान्त परिपूर्ण है। विराटनगर के निकट सरिस्का राष्ट्रीय व्याघ्र अभ्यारण, भर्तृहरी का तपोवन, पाण्डुपोल नाल्देश्वर और सिलिसेढ़ जैसे रमणीय तथा दर्शनीय स्थल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करते है।
 
== इतिहास ==
यह वही विराट नगर जहाँ [[महाभारत]] काल में [[पांड्वो]] ने अपना अज्ञातवास व्यतीत किया था। यहाँ पर पंचखंड पर्वत पर भीम तालाब और इसके ही निकट [[जैन]] मंदिर और [[अकबर]] की छतरी है जहाँ अकबर शिकार के समय विश्राम करता था।
 
== दर्शनीय स्थल ==
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यह स्थल बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार का केंद्र रहा है। कालान्तर में जाकर जैन समाज के विमल सूरी नामक संत ने यहीं पर रहकर वर्षों तपस्या की। ऐसी मान्यता है कि उन्हीं के प्रभाव में आकर अकबर ने सम्पूर्ण मुगल राज्य में वर्ष में एक सौ छ: दिन के लिए जीव हत्या बंद करवाई। विराट नगर के उत्तर में नसिया में जैन समाज का संगमरमर का भव्य मंदिर है। इस मन्दिर की भव्यता देखते ही बनती है। पहाड़ की तलहटी में स्थित यह मन्दिर अपनी धवल आभा के कारण प्रत्येक आगन्तुक को अपनी ओर आकर्षित करता है।
 
नसिया के पास ही मुगल गेट भी बना हुआ है। इस इमारत को अकबर ने बनवाया था। वह यहां पर शिकार के लिए आया करता था। यहीं पर अकबर ने राज्य के लिए सोने चांदी एवं तांबे की टकसाल स्थापित की थी जो औरंगजेब के समय तक चलती रही.
 
=== पावन धाम ===
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विराट नगर के उत्तर पश्चिम मैं स्थित गोगेरा पर्वत
 
विराट नगर से 90 कि॰मी॰ की दूरी पर [[जयपुर]] और 60 कि॰मी॰ पर [[अलवर]] और 40 कि॰मी॰ पर [[शाहपुरा]] स्थित है।
 
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[[श्रेणी:राजस्थान के शहर]]