"झिलाय": अवतरणों में अंतर

जयसिंह जी राजावत के ठिकाना झिलाय (झलाय) की विस्तृत जानकारी
 
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Thikana Jhilay / Jhlay '''झिलाय''' या झलाय जयपुर स्टेट का प्रथम ठिकाना है जब जयपुर स्टेट में संतान उत्मन्न नहीं होती थी या कुल आगे नहीं बढ़ता था तब ठिकाना झिलाय (झलाय) से ही वंशज  गोद ले कर उसका राज तिलक करा जाता था क्यकि राजपुताना में सदियो से यह परंपरा है की बड़े भाई के अगर पुत्र नहीं होता तो उनसे छोटे भाई के बड़े पुत्र को गोद लिया जाता था और जयपुर घराने का बड़ा ठिकाना झलाय ही था और जब झलाय में वंश नहीं बढ़ता था तब जयपुर स्टेट से वंशज को गोद लिया जाता था बाद में ठि. झिलाय (झलाय) जागीरो के भाइयो में बटवारे हुए जिसमे बड़े भाई ने ठिकाना-झिलाय व दूसरे भाइयो ने ठिकाना-ईसरदा, ठिकाना-बालेर, ठिकाना-पिलुखेड़ा राजस्थान में व ठिकाना मुवालिया नरसिंहगढ़ स्टेट मालवा में ले लिए नरसिंहगढ़ स्टेट के कुंवर चैनसिंह जी १८२४ का विवाह ठिकाना मुवालिया Muvaliya में हुआ था जो जयपुर स्टेट के ही rajawat राजावत परिवार में से है क्योंकि सवाई जयसिंह को तीन बार मालवा का सूबेदार बनाया गया था इसलिए अगली पीढ़ी के मालवा के सभी राजाओ से अच्छे सम्बन्ध थे इसीलिए आगे की पीढ़ी ने सन १८२० के लगभग में मालवा में जागीर ले ली।  कुंवर चैन जी सन १८२४ में अग्रेजो से युद्ध करते हुए सिहोर छावनी में शहिद हो गए थे।  कुंवर चैनसिंह जी को भारत का प्रथम शहीद भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने भारत की पहली स्वतंत्रता सग्राम की लड़ाई सन १८५७ से भी पहले सन १८२४ में लड़ी थी और शाहिद हो गये थे यह लेख www.narsinghgarh.com पर उपलब्ध है।  
 
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"https://hi.wikipedia.org/wiki/झिलाय" से प्राप्त