"चीता": अवतरणों में अंतर

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बिल्ली के कुल ([[विडाल]]) में आने वाला '''चीता''' (''एसीनोनिक्स जुबेटस'') अपनी अदभुत फूर्ती और रफ्तार के लिए पहचाना जाता है। यह ''[[:en:Acinonyx|एसीनोनिक्स]]'' प्रजाति के अंतर्गत रहने वाला एकमात्र जीवित सदस्य है, जो कि अपने पंजों की बनावट के रूपांतरण के कारण पहचाने जाते हैं। इसी कारण, यह इकलौता विडाल वंशी है जिसके पंजे बंद नहीं होते हैं और जिसकी वजह से इसकी पकड़ कमज़ोर रहती है (अतः वृक्षों में नहीं चढ़ सकता है हालांकि अपनी फुर्ती के कारण नीची टहनियों में चला जाता है)। ज़मीन पर रहने वाला ये सबसे तेज़ जानवर है जो एक छोटी सी छलांग में १२० कि॰मी॰ प्रति घंटे<ref name="Sharp1997">{{cite journal|last=Sharp|first=N. C.|coauthors=|year=1994|title=Timed running speed of a cheetah (''Acinonyx jubatus'')|url=|journal=Journal of Zoology, London|issn=|volume=241|issue=|pages=493–494|doi=}}</ref><ref name="cbn">{{cite web |url=http://www.jstor.org/view/00222372/ap050163/05a00030/12?frame=noframe&userID=83e69956@siu.edu/01cce4405a00501cdc4b9&dpi=3&config=jstor|title=Motions of Cheetah and Horse |author=Milton Hildebrand |accessdate=2007-10-30 |date=1959 |publisher=[[Journal of Mammalogy]] }} ऑलदो एकोर्डिंग टू चीता, ल्यूक हंटर और डेव हम्मन{{cite web |url=http://www.jstor.org/view/00222372/ap050163/05a00030/12?frame=noframe&userID=83e69956@siu.edu/01cce4405a00501cdc4b9&dpi=3&config=jstor|title=Motions of Cheetah and Horse |author=Milton Hildebrand |accessdate=2007-10-30 |date=1959 |publisher=[[Journal of Mammalogy]] }} (स्ट्रुइक प्रकाशक, 2003), pp. 37-38, है चीता की सर्वाधिक तेज गति {{convert|110|km/h|abbr=on}} दर्ज की थी।</ref> तक की गति प्राप्त कर लेता है और ४६० मी. तक की दूरी तय कर सकता है और मात्र तीन सेकेंड के अंदर ये अपनी रफ्तार में १०३ कि॰मी॰ प्रति घंटे का इज़ाफ़ा कर लेता है, जो अधिकांश [[सुपरकार]] की रफ्तार से भी तेज़ है।<ref>{{cite web | url = http://www.abc.net.au/science/k2/moments/gmis9911.htm | title = Fake Flies and Cheating Cheetahs | publisher = Australian Broadcasting Corporation | author = Kruszelnicki, Karl S. | year = 1999 | accessdate = 2007-12-07}}</ref>
हालिया अध्ययन से ये साबित हो चुका है कि धरती पर रहने वाला चीता सबसे तेज़ जानवर है।<ref name="Garland1983speed">{{cite journal|last=Garland|first=T., Jr.|coauthors=|year=1983|title=The relation between maximal running speed and body mass in terrestrial mammals| url=http://www.biology.ucr.edu/people/faculty/Garland/Garl1983_JZL.pdf|journal=Journal of Zoology, London|issn=|volume=199|issue=|pages=155–170|doi=}}</ref>
 
'''चीता''' शब्द की उत्पत्ति [[संस्कृत]] शब्द '''चित्रकायः''' से हुई है जो [[हिंदी]] चीता के माध्यम से आई है और जिसका अर्थ होता है '''बहुरंगी शरीर''' वाला.<ref>{{cite book | author = cheetah | year = n.d. | title = The American Heritage Dictionary of the English Language, Fourth Edition | accessdate = 2007-04-16 | url = http://dictionary.reference.com/browse/cheetah}}</ref>
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चीता का [[वक्षस्थल]] सुदृढ़ और उसकी [[कमर]] पतली होती है। चीता की लघु चर्म पर काले रंग के मोटे-मोटे गोल धब्बे होते हैं जिसका आकार {{convert|2|to|3|cm|in|abbr=on}} के उसके पूरे शरीर पर होते हैं और शिकार करते समय वह इससे आसानी से [[छलावरण]] करता है। इसके सफेद तल पर कोई दाग नहीं होते, लेकिन पूंछ में धब्बे होते हैं और पूंछ के अंत में चार से छः काले गोले होते हैं। आम तौर पर इसका पूंछ एक घना सफेद गुच्छा के साथ समाप्त होता है। बड़ी-बड़ी आंखो के साथ चीता का एक छोटा सा [[सिर]] होता है। इसके काले रंग के "आँसू चिह्न" इसके आंख के कोने वाले भाग से नाक के नीचे उसके मुंह तक होती है जिससे वह अपने आंख से सूर्य की रौशनी को दूर रखता है और शिकार करने में इससे उसे काफी सहायता मिलती है और साथ ही इसके कारण वह काफी दूर तक देख सकता है। हालांकि यह काफी तेज गति से दौड़ सकता है लेकिन इसका शरीर लंबी दूरी की दौड़ को बर्दाश्त नहीं कर सकता. अर्थात यह एक तेज धावक है।
 
एक वयस्क चीता का नाप {{convert|36|to|65|kg|lb|abbr=on}} से होता है। इसके पूरे शरीर की लंबाई {{convert|115|to|135|cm|in|abbr=on}} से होता है जबकि पूंछ की लंबाई {{convert|84|cm|abbr=on}} से माप सकते हैं। चीता की कंधे तक की ऊंचाई {{convert|67|to|94|cm|in|abbr=on}} होती है। नर चीते मादा चीते से आकार में थोड़े बड़े होते हैं और इनका सिर भी थोड़ा सा बड़ा होता है, लेकिन चीता के आकार में कुछ ज्यादा अंतर नहीं होता और यदि उन्हें अलग-अलग देखा जाए तो दोनों में अंतर करना मुश्किल होगा.होगा। समान आकार के [[तेन्दुएं]] की तुलना में आम तौर पर चीता का शरीर छोटा होता है लेकिन इसकी पूंछ लम्बी होती है और चीता उनसे ऊंचाई में भी ज्यादा होता है (औसतन {{convert|90|cm|abbr=on}} लंबाई होती है) और इसलिए यह अधिक सुव्यवस्थित लगता है।
 
कुछ चीतों में दुर्लभ चर्म पैटर्न [[परिवर्तन]] होते हैं: बड़े, धब्बेदार, मिले हुए दाग वाले चीतों को "किंग चीता" के रूप में जाना जाता है। एक बार के लिए तो इसे एक अलग प्रजाति ही मान लिया गया था, लेकिन यह महज अफ्रीकी चीता का एक परिवर्तन है। "किंग चीता" को केवल कुछ ही समय के लिए जंगल में देखा जाता है, लेकिन इसका पालन-पोषण कैद में किया जाता है।
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[[बड़ी बिल्ली]] के विपरीत चीता [[घुरघुराहट]] के रूप में सांस लेते हैं, पर [[गर्जन]] नहीं कर सकते हैं। इसके विपरीत, केवल सांस लेने के समय के अलावा बड़ी बिल्लियां गर्जन कर सकती हैं लेकिन घुरघुराहट नहीं कर सकती. हालांकि, अभी भी कुछ लोगों द्वारा चीता को बड़ी बिल्लियों की सबसे छोटी प्रजाति के रूप में माना जाता है। और अक्सर गलती से चीता को तेंदुआ मान लिया जाता है जबकि चीता की विशेषताएं उससे भिन्न है, उदाहरण स्वरूप चीता में लम्बी आंसू-चिह्न रेखा होती है जो उसके आंख के कोने वाले हिस्से से उसके मुंह तक लम्बी होती है। चीता का शारीरिक ढांचा भी तेंदुआ से काफी अलग होता है, खासकर इसकी पतली और लंबी पूंछ और तेंदुए के विपरीत इसके धब्बे गुलाब फूल की नक्काशी की तरह व्यवस्थित नहीं होते.
 
चीता एक संवेदनशील प्रजाति है। सभी बड़ी बिल्ली प्रजातियों में यह एक ऐसी प्रजाति है जो नए वातावरण को जल्दी से [[स्वीकार]] नहीं करती है। इसने हमेशा ही साबित किया है कि इसे कैद में रखना मुश्किल है, हालांकि हाल ही में कुछ चिड़ियाघर इसके पालन-पोषण में सफल हुए हैं .हैं। इसके खाल के लिए व्यापक रूप से इसका शिकार करने के कारण चीता अब प्राकृतिक वास और शिकार करने दोनों में असक्षम होते जा रहे हैं।
 
चीता एक संवेदनशील प्रजाति है। सभी बड़ी बिल्ली प्रजातियों में यह एक ऐसी प्रजाति है जो नए वातावरण को जल्दी से [[स्वीकार]] नहीं करती है। इसने हमेशा ही साबित किया है कि इसे कैद में रखना मुश्किल है, हालांकि हाल ही में कुछ चिड़ियाघर इसके पालन-पोषण में सफल हुए हैं . इसके खाल के लिए व्यापक रूप से इसका शिकार करने के कारण चीता अब प्राकृतिक वास और शिकार करने दोनों में असक्षम होते जा रहे हैं।
 
पूर्व में बिल्लियों के बीच चीता को विशेष रूप से आदिम माना जाता था और लगभग 18 मिलियन वर्ष पहले ये प्रकट हुए थे। हालांकि नए अनुसंधान से यह पता चलता है कि मौजूदा बिल्ली की 40 प्रजातियों का उदय इतना पुराना नहीं है-लगभग 11 मिलियन साल पहले ये प्रकट हुए थे। वही अनुसंधान इंगित करता है कि आकृति विज्ञान के आधार पर चीता व्युत्पन्न है, जो पांच करोड़ साल पहले के आसपास विशेष रूप से प्राचीन वंश के रहने वाले चीता अपने करीबी रिश्तेदारों से अलग होते हैं ''(पुमा कोनकोलोर'', [[कौगर,]] और ''पुमा यागुआरोंडी'', [[जेगुएरुंडी]]<ref name="Mattern and McLennan">{{cite journal | author = Mattern, M. Y., D. A. McLennan | year = 2000 | title = Phylogeny and Speciation of Felids | journal = Cladistics | volume = 16 | pages = 232–253 | doi = 10.1111/j.1096-0031.2000.tb00354.x}}</ref><ref name="Johnson et al.">{{cite journal | author = Johnson, W. E., E. Eizirik, J. Pecon-Slattery, W. J. Murphy, A. Antunes, E. Teeling, S. J. O'Brien | year = 2006 | title = The Late Miocene Radiation of Modern Felidae: A Genetic Assessment | journal = [[Science (journal)|Science]] | volume = 311 | pages = 73–77 | doi = 10.1126/science.1122277 | pmid = 16400146}}</ref> [[पुराकालीन दस्तावेजों]] में जब से ये दिखाई देती हैं तब से काफी मात्रा में इन प्रजातियों में परिवर्तन नहीं हुआ है।
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मादा चीता [[गर्भ]] धारण करने के बाद एक से लेकर नौ बच्चों को [[जन्म]] दे सकती है लेकिन औसतन ये तीन से पांच बच्चों को जन्म देती है। मादा चीता का गर्भकाल {{convert|150|to|300|g|oz|abbr=on}} दिनों का होता है बिल्ली परिवारों के दूसरे जानवरों के विपरीत चीता जन्म से ही अपने शरीर पर विशिष्ट लक्षण लेकर पैदा होता है। पैदाईश के समय से ही चीते की गर्दन पर रोएंदार और मुलायम बाल होते हैं, पीठ के बीच तक फैले इस मुलायम रोएं को ''मेंटल'' भी कहते हैं। ये मुलायम और रोएंदार बाल इसे [[अयाल]] होने का आभास देते हैं, जैसे-जैसे चीते की उम्र बढ़ती है, इसके बाल झड़ने लगते हैं। ऐसा अनुमान किया जाता है कि अयाल (रेटल) के कारण चीते के बच्चे [[हनी बेजर]] के सम्भावित आक्रमणकारी के भय से मुक्त हो जाते हैं।<ref>इटोन, रान्डेल एल (1976) ए पोसिबल केस ऑफ मिमिकरी इन लार्जर ममाल्स इवोल्यूशन 30(4) :853-856 doi 10.2307/2407827</ref> चीते का बच्चा अपने जन्म के तेरहवें से लेकर बीसवें महीने के अंदर अपनी मां का साथ छोड़ देता है। एक आज़ाद चीते की आयु बारह जबकि पिंजड़े में कैद चीते की अधिकतम उम्र बीस वर्ष तक हो सकती है।
 
नर चीते की तुलना में मादा चीते अकेले रहती हैं औऱ प्राय एक दूसरे से कतराती हैं, हांलाकि मां और पुत्री के कुछ जोड़े थोड़े समय के लिए एक साथ ज़रुर रहते हैं। चीतों का [[सामाजिक ढ़ांचा]] अदभुत और अनोखा होता है। बच्चों की परवरिश करते समय को छोड़ दिया जाए तो मादा चीते अकेले रहती है। चीते के बच्चे के शुरुआती अट्ठारह महीने काफी महत्वपूर्ण होते हैं, इस दौरान बच्चे अपनी मां से जीने का हुनर सीखते हैं, मां उन्हें शिकार करने से लेकर दुश्मनों से बचने का गुर सिखाती है। जन्म के डेढ़ साल बाद मां अपने बच्चों का साथ छोड़ देती है, उसके बाद ये बच्चे अपन [[भाइयों]] का अलग समूह बनाते हैं, ये समूह अगले छह महीनों तक साथ रहता है। दो वर्षों के बाद मादा चीता इस समूह से अलग हो जाती है जबकि नर चीते हमेशा साथ रहते हैं।
 
=== क्षेत्र ===
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इन समूहों को ''संगठन'' भी कह सकते हैं। कैरो एवं कोलिंस द्वारा तंज़ानिया के मैदानी इलाकों में पाए जाने वाले चीतों पर किये गए अध्ययन के अनुसार 41 प्रतिशत चीते अकेले रहते हैं, जबकि 40 प्रतिशत जोड़ों और 19 प्रतिशत तिकड़ी के रुप में रहते हैं।<ref>रिचर्ड एस्तेस, फोरवर्ड बाए एडवर्ड ओसबोर्न विल्सन (1991) द बिहेवियर गाइड टू अफ्रीकन ममाल्स. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी प्रेस. पृष्ठ 371.</ref>
 
संगठित रुप से रहने वाले चीते अपने क्षेत्र को अधिक समय तक अपने नियंत्रण में रखते हैं, दूसरी तरफ़ अकेले रहने वाला चीता अपने क्षेत्रों को परस्पर बदलता रहता है, हांलाकि अध्यन से पता चलता है कि संगठित रुप से रहने वाले और अकेले रहने वाले दोनों अपने अधिकार क्षेत्रों पर समान समय तक नियंत्रण रखते हैं, नियंत्रण की ये अवधि चार से लेकर साढ़े चार साल तक के बीच की होती है।
 
नर चीते एक निश्चिति परीधि में रहना पसन्द करते हैं। जिन स्थानों पर मादा चीते रहते हैं, उनका क्षेत्रफल बड़ा हो सकता है, ये इसी के आसापास अपना क्षेत्र बनाते हैं, लेकिन बड़े क्षेत्रफल सुरक्षा की द्रष्टि से खतरनाक सिद्ध हो सकते हैं। इसलिए नर चीते मादा चीतों के कुछ होम रेंजेस का चयन करते हैं, इन स्थानों की सुरक्षा करना आसान होता है, इसकी वजह से प्रजनन की प्रक्रिया भी चरम पर होती है, यानी इन्हे संतान उत्पत्ति के अधिक अवसर मिलते हैं। समूह का ये प्रयास होता है कि क्षेत्र में नर और मादा चीते आसानी से मिल सके.सके। इन इलाकों का क्षेत्रफल कितना बड़ा हो इसका दारोमदार [[अफ्रीका]] के हिस्सों में मौजूद मूलभूत सुविधाओं पर निर्धारित करता है।{{convert|37|to|160|km2|sqmi|abbr=on}}
 
नर चीते अपने [[इलाके को चिह्नित]] और उसकी सीमा निश्चित करने के लिए किसी विशेष वस्तु पर अपना मुत्र विसर्जित करते हैं, ये पेड़, लकड़ी का लट्ठा या फिर [[मिट्टी की कोई मुंडेर]] हो सकती है। इस प्रक्रिया में पूरा समूह सहयोग करता है। अपनी सीमा में प्रवेश करने वाले किसी भी बाहरी जानवरों को चीता सहन नहीं करता, किसी अजनबी के प्रवेश की सूरत में चीता उसकी जान तक ले सकता है।
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चीता शेर की तरह दहाड़ नहीं सकता, लेकिन इसकी गुर्राहट किसी भी तरह शेर से कम भयावह नहीं होती, चीते की आवाज़ को हम निम्न स्वरों से पहचान सकते हैं:
* - '''चिर्पिंग''' - चीता अपने साथियों और मादा चीता अपने बच्चों की तलाश के दौरान जोर-जोर से आवाज़ लगाती है जिसे चिर्पिंग कहते हैं। चीते का बच्चा जब आवाज़ निकालता है तो ये चिड़ियों की चहचहाट जैसा स्वर पैदा करता है, यही कारण है इसे '''चिर्पिंग''' कहते हैं।
* '''चरिंग''' या '''स्टटरिंग''' - यह वोकलिज़ेशन सामाजिक बैठकों के दौरान चीता द्वारा उत्सर्जित होता है।<br />
नर और मादा चीते जब मिलते हैं तो उनके स्वर में हकलाहट आ जाती है, ये भाव एक दूसरे के प्रति दिलचस्पी, पसंद और अनिश्चितता का सूचक होते हैं (हालांकि प्रत्येक लिंग विभिन्न कारणों के लिए चर्रस करते हैं).
* '''गुर्राहट''' - चीता जब नाराज़ होता है तो ये गुर्राने और फुफकारने लगता है, इसके नथुनों से थूक भी निकलने लगता है, ऐसे स्वर चीते की झल्लाहट को दर्शाते हैं, चीता जब खतरे में होता है तब भी इसी तरह के स्वर निकालता है।
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=== आहार और शिकार ===
[[चित्र:Cheetah with impala kill.jpg|thumb|225px|इम्पाला मार के साथ एक चीता.]]
मूलरुप से चीता [[मांसाहारी]] होता है, ये अधिकतक [[स्तनपायी]] के अन्तर्गत {{convert|40|kg|abbr=on}} जानवरों का शिकार करता है, जो अपने बच्चों को दूध पिलाते हैं, इसमें [[थॉमसन चिकारे]], [[ग्रांट चिकारे]], [[एक प्रकार का हरिण]] और [[इम्पला]] शामिल हैं। बड़े स्तनधारियों के युवा रूपों जैसे [[अफ्रीकी हिरण]] और [[ज़ेबरा]] और वयस्को का भी शिकार कर लेता जब चीते अपने समूह में होते हैं। चीता [[खरगोश]] और एक प्रकार की अफ्रीकी चिड़िया [[गुनियाफॉल]] का भी शिकार करता है। आमतौर पर बिल्ली का प्रजातियों वाले जानवर रात को शिकार करते हैं, लेकिन चीता [[दिन]] का शिकारी है। चीता या तो सवेरे के समय शिकार करता है, या फिर देर शाम को, ये ऐसा समय होता है जबकि न तो ज्यादा गर्मी होती है और न ही अधिक अंधेरा होता है।
 
चीता अपने शिकार को उसकी [[गंध]] से नहीं बल्कि उसकी [[छाया]] से शिकार करता है। चीता पहले अपने शिकार के पीछे चुपके चुपके चलता है {{convert|10|-|30|m|ft|abbr=on}} फिर अचानक उसका पीछा करना शुरु कर देता है, ये सारी प्रक्रिया मिनटों के अंदर होती है, अगर चीता अपने शिकार को पहले हमले में नहीं पकड़ पाता तो फिर वो उसे छोड़ देता है। यही कारण है कि चीता के शिकार करने की औसतन सफलता दर लगभग 50% है।<ref name="O'Brien" />
 
उसके {{convert|112|and|120|km/h|mph|abbr=on}} के रफ्तार से दौड़ने के कारण चीता के शरीर पर ज्यादा दबाव पड़ता है। जब ये अपनी पूरी रफ्तार से दौड़ता है तो इसके [[शरीर का तापमान]] इतना अधिक होता है कि ये उसके लिए घातक भी साबित हो सकता है। यही कारण है कि शिकार के बाद चीता काफ़ी देर तक आराम करता है। कभी-कभी तो आराम की अविधि आधे घंटे या उससे भी अधिक हो सकती है। चीता अपने शिकार को पीछा करते समय मारता है, फिर उसके बाद शिकार के गले पर प्रहार करता है, ताकि उसका दम घुट जाए, चीता के लिए चार पैरों वाले जानवरों का गला घोंटना आसान नहीं होता.होता। इस दुविधा से पार करने के लिए ही वो इनके गले के [[श्वासनली]] में पंजो और दांतो से हमला करता है। जिसके चलते शिकार कमज़ोर पड़ता जाता है, इसके बाद चीता परभक्षी द्वारा उसके शिकार को ले जाने से पहले ही जितना जल्दी संभव हो अपने शिकार को निगलने में देर नहीं करता .
 
चीता का भोजन उसके परिवेश पर आधारित होता है। मिसाल के तौर पर [[पूर्वी अफ्रीका]] के मैदानी ईलाकों में ये हिरण या चिंकारा का शिकार करना पसंद करता है ये चीता की तुलना में छोटा होता है (लगभग {{convert|53|-|67|cm|in|abbr=on}} उंचा और {{convert|70|-|107|cm|in|abbr=on}} लम्बाई) इसके अलावा इसकी रफ्तार भी चीते से कम होती है (सिर्फ {{convert|80|km/h|abbr=on}} तक) यही वजह है कि चीता इसे आसानी से शिकार कर लेता है, चीता अपने शिकार के लिए उन जानवरों को चुनता है जो आमतौर पर अपने झुंड से अलग चलते हैं। ये ज़रुरी नहीं है कि चीता अपने शिकार के लिए कमज़ोर और वृद्ध जानवरों को ही निशाना बनाये, आम तौर पर चीता अपने शिकार के लिए उन जानवरों का चुनता है जो अपने झुंड से अलग चलते हैं।
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==== पुनर्जंगलीकरण परियोजना ====
{{main|Cheetah Reintroduction in India}}
भारत में कई वर्षों से चीतों के होने का ज्ञात किया गया है। लेकिन शिकार और अन्य प्रयोजनों के कारण बीसवीं सदी के पहले चीता विलुप्त हो गए थे। इसलिए [[भारत सरकार]] ने एक फिर से चीता के लिए पुनर्जंगलीकरण के लिए योजना बना रही है। गुरुवार, जुलाई 9, 2009 में [[टाइम्स ऑफ़ इंडिया]] के पृष्ठ संख्या 11 पर एक लेख में स्पष्ट रूप से भारत में चीतों के [[आयात]] की सलाह दी है जहां उनका पालन पोषण अधीनता में किया जाएगा. 1940 के दशक के बाद से भारत में चीते विलुप्त होते गए और इसलिए सरकार इस परियोजना पर योजना बना रही है। चीता केवल जानवर है कि भारत में लुप्त पिछले वर्णित [[पर्यावरण और वन मंत्री]] [[जयराम रमेश]] जुलाई 7 कि 2009 में [[राज्य सभा]] में बताया कि "चीता एकमात्र ऐसा जानवर है जो पिछले 100 वर्षों में भारत में लुप्त होता गया है। हमें उन्हें विदेशों से लाकर इस प्रजाति की जनसंख्या को फिर से बढ़ाना चाहिए." प्रतिक्रिया स्वरूप [[भारतीय जनता पार्टी]] (भाजपा) के राजीव प्रताप रूडी से उन्होंने ध्यानाकर्षण सूचना प्राप्त किया। इस योजना का उद्देश्य उन चीतों का वापस लाना है जिसका अंधाधुंध [[शिकार]] और एक नाजुक [[प्रजनन]] पद्धति की जटिलता के कारण लुप्त हो रहे हैं और जो बाघ संरक्षण को ट्रस्ट करने वाली समस्याओं को घेरती है। दिव्य भानुसिंह और एम के रणजीत सिंह नामक दो प्रकृतिवादियों ने [[अफ्रीका]] से चीतों के आयात करने का सुझाव दिया.दिया। आयात के बाद बंदी के रूप में उनका पालन-पोषण किया जाएगा और समय की एक निश्चित अवधि के बाद उन्हें जंगलों में छोड़ा जाएगा.
 
=== लोकप्रिय संस्कृति में ===
"https://hi.wikipedia.org/wiki/चीता" से प्राप्त