"कपिलदेव": अवतरणों में अंतर

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कपिल्'''कपिलदेव देवरामलाल उर्फ कपिल देव राम लाल निखञ कानिखंज''' (जन्म ६ जन्वरी १९५९) को[[भारत]] चंडीगढ़के मेपूर्व हुआ।क्रिकेट उनकाखिलाड़ी विवाहहैं। रोमीभारत भाटियाके सेसर्वश्रेष्ठ सनक्रिकेट १९८०खिलाड़ियों मे हुआ।में उनकी बेटी,गणना अमियाहोती देव का जन्म १६ जन्वरी, १९९६ को हुआ।है। वे भार्तीयभारतीय क्रिकेट के कप्तान के पद पर रेहरह चुके है। उन्होनेहैं। १९८३ क्रिकेट्के विश्वाक्रिकेट कपविश्वकप मेमें वे भार्तीय[[भारतीय क्रिकेट टीम]] कीके कप्तानीकप्तान करीथे और भारतउनके नेतृत्व में टीम कोने विश्वाविश्वकप कपजीतने का गौरव प्राप्त कराया।किया। वे विस्डेन द्वारा वर्ष २००२ मेमें 'सदी के भार्तीयभारतीय क्रिकटरक्रिकेटर' चुने गयेगये। है।वे तथा१० उन्होनेमाह भार्तीय्के लिये भारतीय क्रिकेट टीम कि कोचिङ १० माह के लियेप्रशिक्षक भी करीरहे है।थे।
 
कपिलदेव का जन्म [[चंडीगढ़]] मे हुआ। उनका विवाह [[रोमी भाटिया]] से सन १९८० मे हुआ। उनकी बेटी, अमिया देव का जन्म १६ जनवरी, १९९६ को हुआ।
== dited by: Aaradhy Raghavक्रिकेट ==
 
== क्रिकेट ==
 
उन्होने अपने क्रिकेट करीयर की शुरुआत १९७५ मे हरयाना की ओर से पञाब के विरुध घरेलु क्रिकेट से करी। वे एक ओल राउन्डर थे जोकि दाये हाथ से बल्लेबाज़ी एव तेज़ गेन्दबाज़ी भी करते थे। उनका अन्तर-राष्ट्रीय व्यवसाय पाकिस्तान के विरुध फैस्लाबाद मे १६ अक्टूबर १९७८ को हुआ। हालान्कि यह दौरा उनके लिये कुछ अच्छा न रहा, परन्तु आने वाले समय मे उन्होने अपने उन्दा प्रदर्शन से भार्तीय क्रिकेट टीम मे अपनी जगह सुनिशचित कर ली। श्री-लन्का के विरुध १९८२-८३ मे उन्होने अपनी कप्तानी मे प्रथम प्रवेश किया। जब उन्हे विश्व कप की कप्तानी का अवसर मिला तो वे एक औसत खिलाडी ही थे, परन्तु अपने आश्चर्या-जनक प्रदर्श्न से तथा अपनी टीम के सहयोग से भारत को पेह्ला विश्व कप जिताया और रातो-रात ही भार्तीय इतिहास का चमकता सितारा बन गये। मोहम्मग अज़हरुद्दीन की कप्तानी मे उन्होने १९९२ के विश्व कप मे अपना आखरी अन्तर-राष्ट्रिया खेल खेला। उन्होने अपने क्रिकेट व्यवसाय मे एक दिवसीय क्रिकेट मे २२५ और टेस्ट क्रिकेट मे १३१ मैच खेले। एक दिवसीय क्रिकेट मे उन्होने 23.79 की औसत से ३७८३ रन बनाये तथा टेस्ट क्रिकेट मे उन्होने 31.05 की औसत से ५२४८ रन बनाये। गेन्दबाज़ी करते हुए उन्होने एक दिवसीय तथा टेस्ट क्रिकेट मे २५३ तथा ४३४ विकेट लिये क्रमश:। १९८३ के विश्व कप मे ज़िमबाब्वे के विरुध उनकी १७५ रन की पारी यादगार रहेगी जिस्की बदौलत भारत वह मैच जीता। उन्होने एक दिवसीय क्रिकेट मे १ और टेस्ट क्रिकेत मे ८ शतक लगायी है।
 
== सेवानिवृत्ति के पशचात ==
कपिल देव ने १९९४ मे अन्तर-राष्ट्रीय क्रिकेट को अल्विदा कह दिया। १९९९ मे उन्हे भारतीय क्रिकेट टीम का कोच चुना गया। उन्की अवधि के दौरान भारत का प्रदर्शन खास न रहा जिस्मे वे केवल एक टेस्ट मैच जीते और औसट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के विरुध दो बडी सीरीज़ हारे। मनोज प्रभाकर द्वारा सट्टेबाज़ी मे फसाये जाने के बाद उन्होने अपने कोच के पद को त्याग दिया। २००५ मे उन्होने खुशी नामक एक राष्ट्रीय सरकारी संगठन की स्थाप्ना की। अभी वे उसके अध्यक्ष है। खुशी दिल्ली मे कम विशेषाधिकृत बच्चो के लिये तीन विद्यालय चलाती है। २४ सितम्बर २००८ को उन्होने भार्तीय प्रादेशिक सेना मे भाग लिया और उन्हे लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप मे चुना गया।
 
== पुरस्कार ==
 
१९७९ - ८० - अर्जुना[[अर्जुन पुरस्कार]]
 
१९८२ - पदम श्री
१९८२ - [[पद्मश्री]]
१९८३ - विस्डेन क्रिकेटर ओफ द यर
 
१९९१ - पदम भूश्न
१९८३ - विस्डेन क्रिकेटर ओफ द यरईयर
 
१९९१ - [[पद्मभूषण]]
 
२००२ - विस्देन इन्डियन क्रिकेटर ओफ द सेन्चुरी
 
== व्यापार ब्याजमें रुचि ==
२००५ मे कपिल देव ने ज़िकौम एलेक्ट्रॉनिक्स मे ५% दाव लिया। चंडीगढ़ के कपिल्स इलेवेन रेस्टोरेंट के वे मालिक है। उन्होने इक़्बाल, चैन खुली की मैन खुली तथा मुझसे शादी करोगी जैसी फिल्मो मे छोटे किर्दार भी निभाए है।
 
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
 
{{भारतीय एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कप्तान}}
{{भारतीय टेष्ट क्रिकेट टीम के कप्तान}}