"अलकनन्दा नदी": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:DevPrayag.jpg|thumb|righst|380px|देवप्रयाग पर भागीरथी और अलकनन्दा का संगम]]'''अलकनन्दा नदी''' [[गंगा]] की [[सहयोगी नदी]] हैं। यह गंगा के चार नामों में से एक है। चार धामों में गंगा के कई रूप और नाम हैं। [[गंगोत्री]] में गंगा को भागीरथी के नाम से जाना जाता है, [[केदारनाथ]] में मंदाकिनी और [[बद्रीनाथ]] में अलकनन्दा। यह [[उत्तराखंड]] में शतपथ और भगीरथ खड़क नामक हिमनदों से निकलती है। यह स्थान गंगोत्री कहलाता है। अलकनंदा नदी घाटी में लगभग २२९ किमी तक बहती है। [[देव प्रयाग]] या विष्णु प्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी का संगम होता है और इसके बाद अलकनंदा नाम समाप्त होकर केवल गंगा नाम रह जाता है।<ref>{{cite web |url= http://odaligaon.com/chardhamyatra.htm|title= चार धाम यात्रा|accessmonthday=[[२० मार्च]]|accessyear=[[२००८]]|format= एचटीएम|publisher= बहुगुणा का उदाली गांव|language=}}</ref> अलकनंदा [[चमोली जिला|चमोली]] [[टेहरी]] और [[पौड़ी]] जिलों से होकर गुज़रती है।.<ref name=singh>Singh Negi, Sharad (1995). ''Uttarakhand: Land and People'', page 6. MD Publications Pvt Ltd. ISBN 8185880735.</ref> गंगा के पानी में इसका योगदान भागीरथी से अधिक है। हिंदुओं का प्रसिद्ध [[तीर्थस्थल]] [[बद्रीनाथ]] अलखनंदा के तट पर ही बसा हुआ है। राफ्टिंग इत्यादि साहसिक नौका खेलों के लिए यह नदी बहुत लोकप्रिय है। [[तिब्बत]] की सीमा के पास [[केशवप्रयाग]] स्थान पर यह आधुनिक [[सरस्वती नदी]] से मिलती है। केशवप्रयाग बद्रीनाथ से कुछ ऊँचाई पर स्थित है।