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विक्रम विश्वविद्यालय ,उज्जैन [म.प्र .] के हिन्दी विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए अनेक नवाचारी प्रयत्न , जिनमें विश्व हिंदी संग्रहालय एवं अभिलेखन केंद्र, मालवी लोक साहित्य एवं संस्कृति केन्द्र तथा भारतीय जनजातीय साहित्य एवं संस्कृति केन्द्र की संकल्पना एवं स्थापना प्रमुख हैं।
 
प्रकाशित कृतियाँ : पच्चीस तीस ,जिनमें प्रमुख समीक्षा ग्रन्थ हैं - शब्दशक्ति सम्बन्धी भारतीय और पाश्चात्य अवधारणा तथा हिंदी काव्यशास्त्र , मालवा का लोक-नाट्य माच और अन्य विधाएं , अवन्ती क्षेत्र और सिंहस्थ महापर्व , मालवसुत पं. सूर्यनारायण व्यास,हरियाले आँचल का हरकारा:हरीश निगम,आचार्य नित्यानंद शास्त्री और रामकथा कल्पलता, देवनागरी विमर्श , मालव मनोहर , हिंदी भाषा संरचना , हरदिल अजीज भगवती शर्मा, सोंधवाडी साहित्य,संस्कृति और व्याकरण,मालवी भाषा और साहित्य,लोक कवि झलक निगम ,पीयूषिका आदि.<ref>नाट्य में सौंदर्यानुभूति, रंगालोचन एवं रंग-प्रशिक्षण के सवाल( प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा से श्वेता पण्ड्या का साक्षात्कार)http://drshailendrasharma.blogspot.in/2017/01/blog-post.html?m=1</ref>
 
देश-विदेश के प्रमुख पत्र -पत्रिकाओं में 750 से अधिक आलेख ,समीक्षा आदि का प्रकाशन.