"अभिमन्यु (अर्जुनपुत्र)": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो 27.97.67.231 (Talk) के संपादनों को हटाकर Sukph के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: अनुभाग एकरूपता। |
||
पंक्ति 50:
अभिमन्यु एक असाधारण योद्धा थे। उन्होंने [[कौरव]] पक्ष की व्यूह रचना, जिसे [[चक्रव्यूह]] कहा जाता था, के सात में से छह द्वार भेद दिए थे। कथानुसार अभिमन्यु ने अपनी माता की कोख में रहते ही अर्जुन के मुख से चक्रव्यूह भेदन का रहस्य जान लिया था। पर सुभद्रा के बीच में ही निद्रामग्न होने से वे व्यूह से बाहर आने की विधि नहीं सुन पाये थे। अभिमन्यु की म्रृत्यु का कारण [[जयद्रथ]] था जिसने अन्य पांडवों को व्यूह में प्रवेश करने से रोक दिया था। संभवतः इसी का लाभ उठा कर व्यूह के अंतिम चरण में कौरव पक्ष के सभी महारथी [[युद्ध]] के मानदंडों को भुलाकर उस बालक पर टूट पड़े, जिस कारण उसने वीरगति प्राप्त की। अभिमन्यु की मृत्यु का प्रतिशोध लेने के लिये अर्जुन ने जयद्रथ के वध की शपथ ली थी।
==
{{टिप्पणीसूची|२}}
|