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अब पेसमेकर को रिमोट की सहायता से नियंत्रित और मॉनिटर करना संभव है। रोगी घर बैठे ही इस पेसमेकर को फोन लाइन के द्वारा अपने चिकित्सक से पेसमेकर की कार्यशैली की जांच करवा सकते हैं।<ref>[http://www.patrika.com/article.aspx?id=17442 रिमोट से मॉनिटर होगा पेसमेकर]। पत्रिका।</ref> हाल के समाचारों द्वारा ज्ञात हुआ है कि अब पेसमेकर प्रत्यारोपित करवा चुके रोगी भी सुरक्षित रूप से [[एमआरआई]] करवा सकते हैं। [[जयपुर]] के एक निजी अस्पताल में एमआरआई सुरक्षित पेसमेकर<ref>(एनरिद्म एमआरआई टीएम श्योर स्केन टीएम)</ref> का सफल प्रत्यारोपण किया गया है। यह प्रत्यारोपण फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल के ह्वदय रोग विशेषज्ञ<ref>डॉ॰जितेन्द्र सिंह मक्कड़ ने मंगलवार को पत्रकारवार्ता में दावा किया</ref> द्वारा किया गया है और राज्य में पहला इस प्रकार का प्रत्यारोपण था। संसार में ३० लाख लोग पेसमेकर के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं और इनमें से ५०-७५% लोगों को अन्य रोगों के कारण एमआरआई स्कैन करवाने की आवश्यकता पड़ती है। इस पेसमेकर को प्रत्यारोपित करवाने वाले रोगी सुरक्षित रूप से एमआरआई करा सकते हैं।<ref>[http://www.patrika.com/news.aspx?id=236170 अब पेसमेकर के साथ एमआरआई सुरक्षित ]। पत्रिका</ref>
 
== संदर्भसन्दर्भ ==
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