"आर्थिक विकास": अवतरणों में अंतर

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*(घ) प्रति व्यक्ति वास्तविक जी.डी.पी. में वृद्धि होने पर भी यह संभव है कि देश में गरीबी की रेखा के नीचे गुजर करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हो जाए।
 
सारतःसार रूप में, [[जी.डी.पी.]] एवं [[प्रति व्यक्ति जी.डी.पी.]] को विकास के मापदंड रूप में स्वीकार किए जाने के कुछ दोष हैं जो निम्नलिखित हैं-
 
*(क) जी.डी.पी. की अभी तक कोई सर्वमान्य परिभाषा नहीं बन सकी है। इसकी गणना में क्या शामिल किया जाए और क्या नहीं- अभी तक इस प्रश्न का कोई संतोषजनक हल नहीं निकल पाया है।