"असुर (आदिवासी)": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
सुधार और सफाई, replaced: आये. → आये। |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: वर्तनी एकरूपता। |
||
पंक्ति 26:
आदिम जनजाति असुर की [[भाषा]] मुण्डारी वर्ग की है जो आग्नेय (आस्ट्रो एशियाटिक) भाषा परिवार से सम्बद्ध है। परन्तु असुर जनजाति ने अपनी भाषा की असुरी भाषा की संज्ञा दिया है। अपनी भाषा के अलावे ये [[नागपुरी भाषा]] तथा [[हिन्दी]] का भी प्रयोग करते हैं।
असुर जनजाति में पारम्परिक शिक्षा हेतु युवागृह की परम्परा थी जिसे ‘गिति ओड़ा’ कहा जाता था। असुर बच्चे अपनी प्रथम शिक्षा परिवार से शुरू करते थे और 8 से 10 वर्ष की अवस्था में ‘गिति ओड़ा’ के सदस्य बन जाते थे। जहाँ वे अपनी [[मातृभाषा]] में जीवन की विभिन्न भूमिकाओं से सम्बन्धित शिक्षा, लोकगीतों और कहावतों के माध्यम से सीखा करते थे, विभिन्न उत्सव और त्यौहारों के अवसर पर इनकी भागीदारी भी शिक्षा का एक अंग था। इस तरह की शिक्षा उनके लिए कठिन नहीं थी फलतः वे खुशी-खुशी इसमे भाग लिया करते थे। ‘गिति ओड़ा’ की यह परम्परा असुर समुदाय में साठ के दशक तक प्रचलित थी पर उसके बाद से इसमें निरन्तर ह्रास होता गया और वर्त्तमान समय में यह पूर्णतः समाप्त हो चुका है।
असुर भाषा का व्याकरण एवं
असुर आदिवासी समुदाय पर के के ल्युबा की ‘द असुर’, वैरियर एल्विन की ‘अगरिया’ और ट्राईबल रिसर्च इंस्टीच्युट, [[रांची]] से ‘बिहार के असुर’ पुस्तक प्रकाशित है।
|