"उस्मानी साम्राज्य": अवतरणों में अंतर

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==== विस्तार और चरमोत्कर्ष (१४५३-१५६६)====
[[File:Moldovita murals 2010 41.jpg|thumb|left|कॉन्स्टेंटिनोपल के सामने उस्मानी सेना, १४५३, मोल्दोविता मठ]]
मुराद द्वितीय के बेटे महमद द्वितीय ने राज्य और सेना का पुनर्गठन किया और २९ मई १४५३ को कॉन्स्टेंटिनोपल जीत लिया। महमद ने रूढ़िवादी चर्च की स्वायत्तता बनाये रखीरखी। बदले में चर्च ने उस्मानी प्रभुत्ता स्वीकार कर ली। चूँकि बाद के बैजेन्टाइन साम्राज्य और पश्चिमी यूरोप के बीच रिश्ते अच्छे नहीं थे इसलिए ज़्यादातर रूढ़िवादी ईसाईयों ने विनिशिया के शासन के बजाय उस्मानी शासन को ज़्यादा पसंद किया।
 
पन्द्रहवीं और सोलवी शताब्दी में उस्मानी साम्राज्य का विस्तार हुआ। उस दौरान कई प्रतिबद्ध और प्रभावी सुल्तानों के शासन में साम्राज्य खूब फला फूला। यूरोप और एशिया के बीच के व्यापारिक रास्तों पर नियंत्रण की वजह से उसका आर्थिक विकास भी काफी हुआ।