"कार्कल": अवतरणों में अंतर

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=== मूदाबिदरी ===
कार्कल से 16 किमी की दूरी पर मूड़ाबिदरी बसा हुआ है। यह कार्कल में स्थित एक और जैन धर्म का पवित्र स्थान है। इस स्थान का नाम पूर्वी हिस्से में फैले बांस के झुरमुटों के कारण पड़ा। कहा जाता है कि जब एक जैन सन्यासीसंन्यासी यहां से गुजर रहे तो उन्होंने यहां गाय और शेर को एक साथ तालाब मे पानी पीते हुए देखा। यह देखकर वह इस पवित्र भूमि से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने इस जगह को साफ सुथरा करके र्तीथकर पार्श्‍वनाथ की प्रतिमा यहां स्‍थापित की। आगे चलकर यहां चारों ओर मंदिर की स्‍थापना की गई और इस जगह को गुरू की बस्ती के नाम से जाना जाने लगा है। दिगम्बर दर्शन ताडपत्र हस्तलिपि गुरू की बस्ती में रखी हुई हैं। मूड़ाबिदरी में हजार स्तम्भों वाली त्रिभुवन तिलक चूड़ामनी बस्ती भी है जो 1429 से 1430 के मध्य बनी थी। जैन व्यापारियों ने यह बस्ती विजयनगर के गर्वनर देवराय वोदेयर के निर्देशन में बनवाई थी।
 
=== गोमतेश्वर ===
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;सड़क मार्ग
राष्ट्रीय राजमार्ग 48 से हसन और मनी के रास्ते बंटवाल पहुंचा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 13 से मूड़ाबिदरी और अट्टूर होते हुए कार्कल पहुंचा जा सकता है। कर्नाटक के प्रमुख शहरों से राज्य परिवहन की बस भी कार्कल के लिए नियमित रुपरूप से चलती है।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==