छो बॉट: अन्य विकि-परियोजनाओं पर निर्वाचित लेख का साँचा हटाया, अब विकिडाटा पर उपलब्ध।
छो बॉट: वर्तनी एकरूपता।
पंक्ति 14:
 
विचारों की गड़बड़ और महात्मा के सुचिंतित दर्शन की प्रक्रिया में सद् और असद् के विरोध की भ्रांत धारणा के कारण यूरोपीय लेखकों ने जरथुश्त्र के मत को द्वैतधर्म कहा है। इस प्रकार की कल्पना ने आवेस्ता सिद्धांत के मूल तत्वों को ही नजरअंदाज कर दिया है। यूरोपीय और जोरोष्ट्री विद्वानों के अनुसंधानों ने अब निश्चयपूर्वक यह प्रमाणित कर दिया है कि जरथुश्त्र का विचारदर्शन शुद्ध अद्वैतवाद पर स्थित है और दुरात्मा के व्यक्तित्व का उल्लेख शुद्ध रूपकात्मक उल्लेख के अतिरिक्त और कुछ नहीं है। किंतु इसमें अजोरौष्ट्रीय लेखकों का उतना दोष नहीं है जितना कि परवर्तीय युग के जोरोष्ट्रियनों का है जो स्वयं अपने पैगंबर की वास्तविक शिक्षाओं को भूल गए थे, जिन्होंने दर्शन को अध्यात्म से मिलाने की गड़बड़ की और आहूर मज्द के समकक्ष और समकालीन दुरात्मा के अस्तित्व के विश्वास को जन्म दिया।
== संदर्भसन्दर्भ ==
* [[सुभाष काक]], "Vedic elements in the ancient Iranian religion of Zarathushtra." Adyar Library Bulletin, 2003, vil. 67, pp. 47–63. [http://www.ece.lsu.edu/kak/zoro.pdf]
* [http://www.iranica.com/newsite/articlenavigation/alphabetical/bodyz.html Zoroaster] entries in the [http://www.iranica.com/newsite/home/index.isc Encyclopædia Iranica]