"दार्जिलिंग": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: आंशिक विकि-लिंक सुधार। |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: वर्तनी एकरूपता। |
||
पंक्ति 37:
== परिचय ==
[[चित्र:Darjeeling St. Andrew's Church.jpg|thumb|250px|St. Andrew's Church, Darjeeling. Built- 1843, Rebuilt- 1873]]
इस स्थान की खोज उस समय हुई जब आंग्ल-नेपाल युद्ध के दौरान एक ब्रिटिश सैनिक टुकड़ी सिक्किम जाने के लिए छोटा रास्ता तलाश रही थी। इस रास्ते से सिक्िकम तक आसान पहुंच के कारण यह स्थान ब्रिटिशों के लिए रणनीतिक
प्रारंभ में दार्जिलिंग सिक्किम का एक भाग था। बाद में भूटान ने इस पर कब्जा कर लिया। लेकिन कुछ समय बाद सिक्किम ने इस पर पुन: कब्जा कर लिया। परंतु 18वीं शताब्दी में पुन: इसे नेपाल के हाथों गवां दिया। किन्तु नेपाल भी इस पर ज्यादा समय तक अधिकार नहीं रख पाया। 1817 ई. में हुए आंग्ल-नेपाल में हार के बाद नेपाल को इसे ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंपना पड़ा।
अपने रणनीतिक महत्व तथा तत्कालीन राजनीतिक स्थिति के कारण 1840 तथा 50 के दशक में दार्जिलिंग एक युद्ध स्थल के
वर्तमान में दार्जिलिंग पश्िचम बंगाल का एक भाग है। यह शहर 3149 वर्ग किलोमीटर में क्षेत्र में फैला हुआ है। यह शहर त्रिभुजाकर है। इसका उत्तरी भाग नेपाल और सिक्किम से सटा हुआ है।
पंक्ति 76:
=== भूटिया-बस्ती-मठ ===
यह डार्जिलिंग का सबसे पुराना मठ है। यह मूल
यहां का मखाला मंदिर काफी आकर्षक है। यह मंदिर उसी जगह स्थापित है जहां भूटिया-बस्ती-मठ प्रारंभ में बना था। इस मंदिर को भी अवश्य घूमना चाहिए।
पंक्ति 114:
चाय का पहला बीज जो कि चाइनिज झाड़ी का था कुमाऊं हिल से लाया गया था। लेकिन समय के साथ यह डार्जिलिंग चाय के नाम से प्रसिद्ध हुआ। 1886 ई. में टी. टी. कॉपर ने यह अनुमान लगाया कि तिब्बत में हर साल 60,00,000 lb चाइनिज चाय का उपभोग होता था। इसका उत्पादन मुख्यत: सेजहवान प्रांत में होता था। कॉपर का विचार था कि अगर तिब्बत के लोग चाइनिज चाय की जगह भारत के चाय का उपयोग करें तो भारत को एक बहुत मूल्यावान बाजार प्राप्त होगा। इसके बाद का इतिहास सभी को मालूम ही है।
स्थानीय मिट्टी तथा हिमालयी हवा के कारण डार्जिलिंग चाय की गणवता उत्तम कोटि की होती है। वर्तमान में डार्जिलिंग में तथा इसके आसपास लगभग 87 चाय उद्यान हैं। इन उद्यानों में लगभग 50000 लोगों को काम मिला हुआ है। प्रत्येक चाय उद्यान का अपना-अपना इतिहास है। इसी तरह प्रत्येक चाय उद्यान के चाय की किस्म अलग-अलग होती है। लेकिन ये चाय सामूहिक
== चाय ==
|