"देवघर": अवतरणों में अंतर

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लेकिन ऐतिहासिक रूप से इस मंदिर की स्थापना १५९६ की मानी जाती है जब बैजू नाम के व्यक्ति ने खोए हुए लिंग को ढूंढा था। तब इस मंदिर का नाम बैद्यनाथ पड़ गया। कई लोग इसे कामना लिंग भी मानते हैं।
दर्शन का समय: सुबह ४ बजे-दोपहर ३.३० बजे, शाम ६ बजे-रात ९ बजे तक। लेकिन विशेष धार्मिक अवसरों पर समय को बढ़या जा सकता हैहै।
 
यहाँ पर साबन महिना मे बड़ा मेला लगता है मान्यता है की भगवान शिबजी सावन महिना में यहाँ बिराजते है इस लिये सुलतान से गंगा जल भर कर काबरिया पैदल करीब ९५ की.मी.यात्रा करके यहाँ पहुचते है और भगवान शिव को गंगा जल अर्पित करते हैहै।
 
== मंदिर के मुख्य आकर्षण ==
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बस: भागलपुर, हजारीबाग, रांची, जमशेदपुर और गया से देवघर के लिए सीधी और नियमित बस सेवा उपलब्ध है।
 
== यहइन्हें भी देखें ==
* [[वैद्यनाथ मंदिर, देवघर]]
* [[झारखंड]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/देवघर" से प्राप्त