"धर्म के लक्षण": अवतरणों में अंतर

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== धर्मसर्वस्वम् ==
जिस नैतिक नियम को आजकल 'गोल्डेन रूल' या 'एथिक आफऑफ रेसिप्रोसिटी' कहते हैं उसे भारत में प्राचीन काल से मान्यता है। सनातन धर्म में इसे 'धर्मसर्वस्वम्" (=धर्म का सब कुछ) कहा गया है:
 
: '''श्रूयतां धर्मसर्वस्वं श्रुत्वा चाप्यवधार्यताम्।'''