"बंबई स्टॉक एक्सचेंज": अवतरणों में अंतर

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* ट्रेडिंग रिंग सिस्टम से इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग की तरफ प्रयाण सिर्फ 50 दिनों में
 
बीएसई ने समान महत्त्व की अन्य परियोजनाओं के एक भाग के रूप में देश भर में निवेशकों की जागरूकता के लिए अभियान छेड़ा है। इसके लिए प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया का व्यापक उपयोग कर के जानकारी, मार्गदर्शन और जनजागृति का प्रचार किया जाता है। सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड आफऑफ इंडिया (सेबी) के पूंजी बाजार जागृति कार्यक्रमों को फैलाने में बीएसई ने सक्रिय भूमिका निभाई है।
 
वर्ष 2002 में स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई का नाम बदल कर बीएसई कर दिया गया। बीएसई ने भारत में सिक्युरिटीज (प्रतिभूति) ट्रेडिंग प्रस्तुत की, ट्रेडिंग रिंग की परम्परागत शेयर क्रय विक्रय पद्धति के स्थान पर बीएसई आनलाईन ट्रेडिंग (बोल्ट) के माध्यम से 1995 में ओटोमेटेड ट्रेडिंग सिस्टम का श्री गणेश किया। 1997 में यह ``बोल्ट “ नेटवर्क राष्ट्रीय स्तर पर फैल गया। बीएसई के इंटरनेशनल कन्वेंशन हाल में भारत का प्रथम बेल रिंगिंग समारोह (शेयर सूचीबद्धता का उत्सव घंटा बजाकर मनाने का कार्यक्रम) के साथ 2002 से नए इतिहास की शुरूआत की, जब 18 फ़रवरी 2002 को भारती टेलीवेंचर्स लि. के शेयर लिस्टिंग का पहला समारोह सम्पन हुआ और आज यह नए आधुनिक युग की प्रथा बन गई है।