'''मणिबेन वल्लभभाई पटेल''' ({{lang-gu|મણિબેન પટેલ}}, {{lang-en|Maniben Patel}}, {{lang-en|Maniben Patel}}) ने [[भारत|भारत की]] स्वतन्त्रा के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समार्पित कर दियादिया। । परन्तु स्वतन्त्र [[भारत|भारत में]] अपने वृद्धावस्थाकाल में उनके पास धन, मान, आवश्यकवस्तुओं का अभाव थाथा। । [[भारत|भारत की]] स्वन्त्रता के लिए जितने आन्दोलन [[सरदार वल्लभभाई पटेल|लोहपुरुष]] ने किए हैं, उन सब में से अधिकतम आन्दोलनों में मणिबेन का महद्योगदान रहा हैहै। । सत्याग्रहों में कठोरपरिश्रम के पश्चात् कारागार में भी उन्होंने कारावास की कठोरपीडा सही हैंहैं। । राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित वो महिला अविवाहिता रह कर आजीवन [[भारत]] के हित के लिए चिन्तन करती रहीरही। ।
== जन्म और बाल्य ==
१९०३ वर्ष के 'अप्रैल'-मास की तीसरी (३/४/१९०३) दिनाङ्क पर [[गुजरातराज्य|गुजरातराज्य के]] [[खेडा जिला|खेडा जिले में]] मणिबेन का जन्म हुआहुआ। । उनके पिता [[सरदार वल्लभभाई पटेल]] [[भारत|भारत के]] महान् नेताओं में और महान् देशभक्तों मैं से एक थेथे। । उनके मातृश्री का नाम झवेरबा थाथा। । मणिबेन जब सात वर्षीया थी, तब उनके मातृश्री निधन हो गयागया। । मणिबेन का एक अनुज भी थाथा। । अतः उसके पोषण का दायित्व बाल्यकाल से ही मणिबेन के उपर आ पड़ापड़ा। ।
परिवार के सदस्य [[सरदार वल्लभभाई पटेल]] को बहुत समझाय कि, वे पुनर्विवाह कर लेंलें। । परन्तु दृढमन वाले [[सरदार वल्लभभाई पटेल]] बाले, “मैं विमाता का (Step mother's) दुःख अपने बच्चों के उपर डालना नहीं चाहता”चाहता”। । उसके बाद आजीवन मात का और पिता का दायित्व [[सरदार वल्लभभाई पटेल]] ने वहन कियाकिया। । झवेरबा की मृत्यु के एकवर्ष बाद हि [[सरदार वल्लभभाई पटेल]] को पढने के लिए विदेश जाना पड़ गयागया। । अतः उन्होंने अपने बच्चों को अपने अग्रज विठ्ठलभाई के पास भेज दियादिया। । तब विठ्ठलभाई [[मुम्बई]] में निवास करते थेथे। । [[मुम्बई]] में क्वीन् मेरी विद्यालय में मणिबेन का अभ्यास आरम्भ हुआहुआ। । परन्तु [[मुम्बई]]-महानगर के वातावरण में मणिबेन अस्वस्थ रहती थीथी। । वैद्यों के औषध देने के बाद भी उनके स्वास्थ्य में कोई परिवर्तन न हुआहुआ। । पिता के वियोग से उनकी स्थिति ऐसी हो गई है, ये भी एक कारण थाथा। ।