"मन्या सुर्वे": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: आंशिक लिप्यंतरण |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: वर्तनी एकरूपता। |
||
पंक्ति 9:
तमाम आलोचनाओं के बाद जब पुलिस की नींद खुली , तो मन्या सुर्वे के लोगांें की खोजबीन शुरू हुई। पुलिस ने सबसे पहले उसके साथी शेख मुनीर को जून , 1981 में कल्याण से पकड़ा। दूसरे साथियों दयानंद शेट्टी और काटकर को भी [[गोरेगांव]] से गिरफ्तार किया गया। मन्या सुर्वे इसके बाद भागकर भिवंडी में अपने किसी साथी के यहां छिप गया। जब पुलिस वहां पहुंची , तो वह वहां से भी चंद मिनट पहले भाग लिया , लेकिन जब 11 जनवरी , 1982 को वह वडाला में आंबेडकर कॉलेज के पास स्थित एक ब्यूटी पार्लर में अपनी गर्लफ्रेंड को लेने आया , तो वह तब के पुलिस अधिकारियों इशाक बागवान , राजा तांबट के साथ हुई पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
पुलिश सूत्र के अनुसार, उसकी महिला दोस्त विद्या जोशी पर निगाह रखकर ही पुलिस ने उसे 1982 में एक एनकाउंटर में मारा था। मुंबई पुलिस का मुंबई शहर में ये पहला एनकाउंटर बताया जाता है, जिसमें शामिल पुलिस वालों को मान्या सुर्वे को पकड़ने के नहीं बल्कि उसे ढेर कर देने के मौखिक आदेश मिले थे। यही वह पुलिस एनकाउंटर है जिसके बाद अंडरवर्ल्ड को अपने दुश्मनों को खत्म करने का एक नया हथियार
== मन्या सुर्वे पर फिल्मे ==
|