"मोतीलाल": अवतरणों में अंतर

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== फिल्मी सफर ==
 
कॉलेज छोड़ने के बाद मोतीलाल [[बंबई]] में [[नौसेना]] में शामिल होने के लिए आए परन्तु बीमार होने के कारण [[परीक्षा]] नहीं दे पाए। 1934 में (24 आयु) सागर फिल्म कंपनी में शहर का जादू फ़िल्म के लिए [[नायक]] की भूमिका की पेशकश की गई। बाद में उन्होंने सबिता देवी के साथ-साथ कई सफल सामाजिक नाटक में विशेष रुपरूप से डा मधुरिका (1935) और कुलवधु (1937) में काम किया।
 
== प्रमुख फिल्में==