"यूरोपीय ज्ञानोदय": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: वर्तनी एकरूपता। |
||
पंक्ति 21:
===[[देववाद]]===
प्रबोधनयुगीन चिंतकों ने कहा कि कोई परमसत्ता है और इस दुनिया के समस्त प्राणी उसी के बनाए हुए हैं और इन सबके साथ क्रूरता का नहीं बल्कि दयालुता का आचरण करना चाहिए। इसके अनुसार [[ईश्वर]] की तुलना उस घड़ी-निर्माता से की जा सकती है जो [[घड़ी]] के निर्माण के बाद यह निर्देश नहीं देता कि उसमें समय का निर्देशन कैसे हो। इस [[देववाद]] (Deism / प्राकृतिक धर्म) में रीति-रिवाज, अनुष्ठानों तथा अप्राकृतिक तत्त्वों का बहिष्कार कर दिया गया और सभी मनुष्यों की समानता और सहिष्णुता को नए आधार के रूप में ग्रहण किया गया। इस तरह प्राकृतिक धर्म मनुष्यता का धर्म था और यह धर्म लोगों में दूसरों की खिल्ली उड़ाने और नफरत पैदा करने का
===समानता एवं स्वतंत्रता पर बल===
|