"जे॰ जे॰ थॉमसन": अवतरणों में अंतर

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थॉमसन को १९०६ में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, "गैसों से होकर विद्युत प्रवाह के प्रयोगात्मक परीक्षणों और संबंधित सैद्धान्तिक कार्यों की उच्च गुणवत्ता को देखते हुए"। इन्हें १९०८ में नाइटहुड प्राप्त हुई, १९१२ में ऑर्डर ऑफ मेरिट में नियुक्ति मिली और १९१४ में इन्होने "परमाणविक सिद्धान्त" (दि एटोमिक थ्योरी) पर ऑक्सफोर्ड में रोमान्सेस अभिभाषण दिया।
१९१८ में ये कैम्ब्रिज में मास्टर ऑफ ट्रिनिटी कॉलेज बनाये गए और जीवनपर्यन्त इस पद पर रहे। जोसेफ़ जॉन थॉमसन का देहान्त ३० अगस्त १९४० को हुआ; इनकी अस्थियाँ वेस्टमिन्स्टर ऍबे में, सर आइजक न्यूटन और थॉमसन के अपने शिष्य अर्न्स्ट रदरफ़ोर्ड की कब्रों के पास दफनाई गयी हैं।
 
आधुनिक विज्ञान के क्षेत्र में एक प्रतिभासंपन्न अध्यापक के रूप में दिए गए उनके योगदानों को अत्यंत महत्वपूर्ण स्वीकारा जाता है। इनके शिष्यों में से एक, अर्न्स्ट रदरफ़ोर्ड रहे जिन्होंने कैवेंडिश प्रोफ़ेसर के रूप में इनका उत्तराधिकार संभाला। खुद थॉमसन के अतिरिक्त इनके शोध सहायकों में से आठ लोग (फ्रान्सिस विलियम एस्टन, चार्ल्स ग्लोवर बर्कला, नील्स बोर, मैक्स बॉर्न, विलियम हेनरी ब्रैग , ओवेन्स विलान्स रिचर्डसन, एर्न्स्ट रदरफोर्ड, और चार्ल्स थॉमसन रीज विल्सन) और इनके पुत्र ने भौतिकी अथवा रसायनविज्ञान के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार अर्जित किया। इनके बेटे को १९३७ में इलेक्ट्रानों के तरंगवत अभिलक्षणों को साबित करने के लिए नोबल पुरस्कार मिला।
 
==विज्ञानी जीवन==