"विनोबा भावे": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो Ananya aarav (Talk) के संपादनों को हटाकर Sanjeev bot के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: वर्तनी एकरूपता। |
||
पंक्ति 117:
रचानात्म्क कार्यों के अतिरित्क वे महान स्वतंत्रता सेनानी भी थे। नागपुर झंडा सत्याग्रह में वे बंदी बनाये गये। १९३७ में गान्धिजी जब लंदन की गोलमेज कांफ्रेंस से खाली हाथ लोटे तो जलगांव में विनोबा भावे ने एक सभा में अंग्रेजों की आलोचना की तो उन्हें बंदी बनाकर छह माह की सजा दी गयी। कारागार से मुक्त होने के बाद गान्धिजी ने उन्हें पहेला सत्याग्रही बनाया। १७ अक्टूबर १९४० को विनोबा भावेजी ने सत्याग्रह किया और वे बंदी बनाये गये तथा उन्हें ३ वर्ष के लिए सश्रम कारावास का दंड मिला। गान्धिजी ने १९४२ को भारत छोडा आंदोलन करने से पूर्व विनोबाजी से परामर्श लिया था।
==
* [[भूदान]]
* [[पवनार]]
|