"विश्व शौचालय दिवस": अवतरणों में अंतर

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'''विश्व शौचालय दिवस''': (World Toilet Day) जो प्रत्येक वर्ष को 19 नवंबर को मनाया जाता है [[संयुक्त राष्ट्र]] के अनुसार विश्व की अनुमानि ढाई अरब आबादी को पर्याप्त स्वच्छता मयस्सर नही है और एक अरब वैश्विक आबादी खुले मेँ सौच को अभिसप्त है उनमे से आधे से अधिक लोग [[भारत]] मेँ रहते है नतीजन बीमारियां उत्पन्न होने के साथ साथ पर्यावर दूषित होता इसलिए सरकार इस समस्या से उबरने के लिए स्वच्छ भारता अभियान चला रही है लेकीन एक सर्वे के अनुसार खुले मेँ सौच जाना एक तरह की मानसिकता दर्शाता है इसके मुताबिक सार्वजनिक शौचालयोँ मेँ नियमित रुपरूप से जाने वाले तकरीबन आधे लोगो और खुले मेँ शौच जाने वाले इतने ही लोगो का कहना है कि यह सुविधाजनक उपाया है। ऐसे मेँ स्वच्छ भारत के लिए सोच मे बदलाव की जरुर दिखती है।
 
==असुरक्षा==
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==बहाल तस्वीर==
भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार गांवो मेँ 67 प्रतिशत और शहरो मेँ 13 प्रतिशत परिवार खुले मेँ शौच करते है।
गैरसरकारी संगठन रिसर्च इंस्टीटीयूट आफऑफ कंपेशनेट इकोनामिक्स के मुताबिक देश के 40 प्रतिशत जिन घरो मेँ शौचालय है इसके बावजूद उनमे से प्रत्येक घर से एक सदस्य नियमित रुपरूप से खुले मे शौच के लिए जाता है।
 
==2011 की जनगरणा अनुसार==