"वैशाली जिला": अवतरणों में अंतर

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वैशाली जिला 3 अनुमंडल, 16 प्रखंड, 291 ग्राम पंचायत तथा 1638 गाँवों में बँटा है। अपराध नियंत्रण के लिए जिले में 22 थाने तथा 6 सुरक्षा चौकी है। जिले के तीन शहरों में से एक [[हाजीपुर]] में नगर परिषद तथा [[महनार]] एवं [[महुआ]] में नगर पंचायत गठित है। [[लोकसभा]] के नये परिसीमन के मुताबिक वैशाली में दो सीटें हैं। विधान सभा क्षेत्र की जिले में पूर्ण तथा आंशिक रुपरूप से 8 सीटें पड़ती है।<ref> [http://vaishali.bih.nic.in/glance.htm] वैशाली जिला एक नजर में </ref> <br />
* अनुमंडल: [[हाजीपुर]], [[महुआ]] तथा [[महनार]] <br />
* प्रखंड: गोरौल, चेहराकलां, जन्दाहा, देसरी, पटेढी बेलसर, पातेपुर, प्रेमराज, बिदुपुर, भगवानपुर, [[महुआ]], [[महनार]], [[राजापाकर]], राघोपुर, लालगंज, सराय, सहदेई बुजुर्ग, [[वैशाली]], [[हाजीपुर]]
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* '''कौनहारा घाट''': [[भागवत पुराण]] में वर्णित गज-ग्राह की लड़ाई में स्वयं भगवान विष्णु ने यहाँ आकर अपने भक्त गजराज को जीवनदान और शापग्रस्त ग्राह को मुक्ति दी थी। गंगा और गंडक के पवित्र संगम पर बसे कौनहारा घाट की महिमा हिन्दू धर्म में अन्यतम है।
* '''नेपाली छावनी मंदिर''': १८वीं सदी में पैगोडा शैली में निर्मित अद्वितीय शिवमंदिर नेपाली वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है।
* '''रामचौरा मंदिर''': अयोध्या से जनकपुर जाने के क्रम में भगवान श्रीराम ने यहाँ विश्राम किया था। उनके चरण चिह्न प्रतीक रुपरूप में यहाँ मौजूद है।
* '''जामिया मस्जिद''': तेरहवीं सदी के मध्य में यहाँ के शासक हाजी इलियास द्वारा बनवाये गये किले परिसर में अकबर काल में बनवाया गया मस्जिद।
* '''मामू-भाँजा की मजार''' : मुग़लकाल के सूफी संतों की मजा़र एवं करबला का मैदान
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; सोनपुर मेला
{{main|सोनपुर मेला}}
[[गंगा]]-[[गंडक]] के संगम पर बसे हरिहरक्षेत्र में कौनहारा घाट के सामने [[सोनपुर]] में विश्वप्रसिद्ध मेला लगता है। यहाँ बाबा हरिहरनाथ (शिव मंदिर) तथा काली मंदिर के अलावे अन्य मंदिर भी हैं। प्रतिवर्ष [[कार्तिक]] [[पूर्णिमा]] को पवित्र गंडक-स्नान से शुरु होनेवाले मेले का आयोजन पक्ष भर चलता है। सोनपुर मेला की प्रसिद्धि एशिया के सबसे बड़े पशु मेले के रुपरूप में है। हाथी-घोड़े से लेकर रंग-बिरंगे पक्षी तक मेले में खरीदे-बेचे जाते हैं। मेला के दिनों में सोनपुर एक सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक केंद्र बन जाता है।
 
; अन्य महत्त्वपूर्ण स्थल