"सांथाल जनजाति": अवतरणों में अंतर

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संथालों के समाज मे मुख्य व्यक्ति इनका मांझी होता है। मदिरापान तथा नृत्य इनके दैनिक जीवन का अंग है। अन्य आदिवासी समुहों की तरह इनमें भी [[जादू टोना]] प्रचलित है। संथालो की अन्य विषेशता इनके सुन्दर ढंग के मकान हैं जिनमें खिडकीयां नहीं होती हैं। संथाल मारांग बुरु की उपासना करतें हैं साथ ही ये सरना धर्म का पालन करते हैं।
 
इनकी [[भाषा]] [[संथाली]] और लिपि '''ओल चिकी ''' है। इनके बारह मूल गोत्र हैं ; मरांडी, सोरेन, हासंदा, किस्कू, टुडू, मुर्मू, हेम्ब्रम, बेसरा, बास्की, चौड़े, बेदिया, एवं पौरियापौरिया। संताल समुदाय मुख्यतः बाहा, सोहराय, माग, ऐरोक, माक मोंड़े, जानथाड़, हरियाड़ सीम, आराक सीम, जातरा, पाता, बुरु मेरोम, गाडा पारोम तथा सकरात नामक पर्व / त्योहार मनाते हैं। इनके [[विवाह]] को 'बापला' कहा जता है। संताल समुदाय मे कुल 23 प्रकार की विवाह प्रथायें है, जो निम्न प्रकार है - 1. सदय बापला, 2. टुनकी दिपिल बापला, 3. गोलयटी बापला, 4. जोड़ा बापला, 5. छुटकी या हिरम चेतान बापला, 6. बाहा सान्वहा बापला, 7. गोंग बोलो बापला, 8. घार जवांय बापला, 9. घरदी जवांय बापला, 10. आपान्गीर बापला, 11. कुंडल नापाम बापला, 12. इतुत बापला, 13.ओर आदेर बापला, 14. निर नापाम बापला, 15. दुवर सिंदूर बापला, 16. टिकाक सिंदूर बापला, 17. ओमोड़ बापला, 18. किरिन्ग बापला, 19. छडवी बापला, 20. जीवत बापला, 21. गुर लोटोम बापला, 22. बोड़ बापला, 23. सेता बापला.
 
उनकी अद्वितीय विरासत की परंपरा और आश्चर्यजनक परिष्कृत जीवन शैली है। सबसे उल्लेखनीय हैं उनके [[लोकसंगीत]], गीत और [[नृत्य]] हैं। संथाली भाषा व्यापक रूप से बोली जाती है। दान करने की संरचना प्रचुर मात्रा में है। उनकी स्वयं की मान्यता प्राप्त लिपि 'ओल-चिकी' है, जो संताल समुदाय के लिये अद्वितीय है।
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संथाल के सहज परिष्कार भी स्पष्ट रूप से उनके परिवार के पैटर्न -- पितृसत्तात्मक, पति पत्नी के साथ मजबूत संबंधों को दर्शाता है| विवाह अनुष्ठानों में पूरा समुदाय आनन्द के साथ भाग लेते हैं। लड़का और लड़की का जन्म आनंद का अवसर हैं | संथाल मृत्यु के शोक अन्त्येष्टि संस्कार को अति गंभीरता से मनाया जाता है। संताल समुदाय का धार्मिक विश्वासों और अभ्यास किसी भी अन्य समुदाय या धर्म से मेल नहीं खाता है. इनमें प्रमुख देवता हैं- 'सिंग बोंगा', 'मारांग बुरु' और 'जाहेर एरा, गोसांय एरा, मांझी बाबा - गोगो, आदि. पूजा अनुष्ठान में बलिदानों का इस्तेमाल किया जाता है |
 
== यहइन्हें भी देखें ==
* [[संथाली]] भाषा
* [[संथाल विद्रोह]]