"नेवियर-स्टोक्स समीकरण": अवतरणों में अंतर
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प्रांटल ने १९०४ में सीमावर्ती तहों में हो रही गतिविधियों की गणितीय पड़ताल तो की पर उसके कोई ५० साल तक इस दिशा में कोई आशाजनक प्रगति नहीं हुई । बीसवीं सदी में तो तरल गति को हल करने की दिशा में सैद्धांतिक विकास अधिक नहीं हुआ पर इसके गणितीय सांख्यिक हल के लिए सदी के उत्तरार्ध में शोधकर्ताओं को बहुत सफलता मिली । इसके तहत समीकरणों को उनके जटिल रूप में बिना अधिक सरलीकृत किये तथा उनके वास्तविक जटिल ज्यामितीय क्षेत्र में हल करना संभव हो सका । इनमें से पटंकर जैसे शोधकर्ताओं का बहुत योगदान रहा । कुछ गणितीय विधियों के नाम इस प्रकार हैं:
#SIMPLE ('''S'''emi '''I'''mplicit '''M'''ethod for '''P'''ressure '''L'''inked '''E'''quations
|title=A Calculation Procedure for Heat, Mass and Momentum Transfer in 3D Parabolic Flows | |volume=15 |year=1970 | #SIMPLER (SIMPLE - Revisited)
#PISO ('''P'''ressure '''I'''mplicit with '''S'''plitting of '''O'''perators</li>ref>{{cite journal
|title=Solution of the Implicitely Descretised Fluid Flow Equations | |volume=62 |year=1985 | #SIMPLEV (SIMPLE - Vincent)
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