"अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'": अवतरणों में अंतर
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{{ज्ञानसन्दूक लेखक
| नाम
| चित्र
| चित्र आकार = 200px
| चित्र शीर्षक = अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
| उपनाम
| जन्मतारीख़
| जन्मस्थान = [[निजामाबाद]], [[आज़मगढ़]], [[उत्तर प्रदेश]], [[भारत]]
| मृत्युतारीख़
| मृत्युस्थान =
| कार्यक्षेत्र
| राष्ट्रीयता = [[भारत|भारतीय]]
| भाषा = [[हिन्दी]]
| काल
| विधा
| विषय
| आन्दोलन
| प्रमुख कृति = [[प्रिय प्रवास]] [[काव्य-ग्रंथ]]
| प्रभाव डालने वाला
| प्रभावित
| हस्ताक्षर
| जालपृष्ठ
| टीका-टिप्पणी
| मुख्य काम
}}
'''अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' '''([[15 अप्रैल]], [[1865]]-[[16 मार्च]], [[1947]]) [[हिन्दी]] के एक सुप्रसिद्ध साहित्यकार थे। वे [[हिंदी साहित्य सम्मेलन]] के सभापति रह चुके हैं और सम्मेलन द्वारा विद्यावाचस्पति की उपाधि से सम्मानित किये जा चुके हैं। [[प्रिय प्रवास]] हरिऔध जी का सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह हिंदी खड़ी बोली का प्रथम [[महाकाव्य]] है और इसे मंगलाप्रसाद पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।
पंक्ति 105:
'इनकी यह एक सबसे बड़ी विशेषता है कि ये हिंदी के सार्वभौम कवि हैं। खड़ी बोली, उर्दू के मुहावरे, ब्रजभाषा, कठिन-सरल सब प्रकार की कविता की रचना कर सकते हैं।
== बाहरी
* [http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%85%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE_%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%B9_%E0%A4%89%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF_%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%94%E0%A4%A7 हरिऔध की रचनाएँ कविताकोश में]
* [http://www.bhashantar.org/2014/03/blog-post_16.html श्रीरुक्मिणीरमणो विजयते ( अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध) ]
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