"आत्मघाती हमला": अवतरणों में अंतर
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'''आत्मघाती हमला''' हमले की वह पद्धति है जिसमें हमलावर लक्ष्य को नष्ट करने या नुकसान पहुँचाने की प्रक्रिया को यह समझकर अंजाम देता है कि इसमें उसकी मृत्यु तय है। १९८१ से २००६ के बीच दुनिया भर में लगभग १२०० आत्मघाती हमले हुए जो कुल आतंकवादी हमलों का ४% थे लेकिन इसमें मारे गए लोगों की संख्या कुल आहत लोगों का ३२% थी। इस दौरान आत्मघाती हमलों में १४,५९९ लोगों की मृत्यु हो गई थी। आतंकवादी हमलों में से ९०% इराक, इजराइल, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, में हुए।
यद्यपि आत्मघाती हमले इतिहास में पहले भी हुए हैं और [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] के दौरान जापानी हवाई दस्ते के कमिकाजी उढ़ाके तो इसके लिए प्रसिद्ध हैं
'''फ़िदायीन हमला''' आतंकवादियों द्वारा प्रयोग की जाने वाली एक [[आत्मघाती]] रणनीति है। सामान्य: इस तरह के हमलों को विशेष रूप से भारतीय राज्य [[जम्मू और कश्मीर]] में आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिया जाता हैं। फ़िदायीन हमले मे एक फ़िदायीन (उग्रवादी, जो सामान्यः एक पुरुष होता है) खुद को हथियारों और गोला बारूद से लैस करता है, फिर वो एक सैन्य आधार, सुरक्षा चौकी या एक सैन्य संस्थापन मे प्रवेश करता है और फिर वो इन कानून के रखवाले, सैन्य अधिकारिओं और जवानों पर अंधाधुंद गोलीबारी शुरु कर देता है। इस गोलीबारी वो जब तक जारी रखता है जब तक उसका सारा [[असला]] खत्म नहीं हो जाता और इसके बाद उसे लगभग हमेशा ही सुरक्षा बलों द्वारा मार गिराया जाता है। फ़िदायीन आतंकवादी हमले के बाद हमेशा भागने की कोशिश करते हैं पर लगभग हमेशा ही इन्हें सुरक्षा बलों द्वारा मार गिराया जाता है क्योकि यह उग्रवादी कभी भी हमले के बाद भागने की योजना नहीं बनाते बस उसके बाद मौका मिलने पर भागने की कोशिश करते हैं। यह आतंकवादी, आत्मघाती हमलावरों ([[मानव बम]]) की तरह, हमले के निष्पादन के दौरान मरने के लिए तैयार रहते हैं।
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