"ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox company
| company_name = ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स
| company_logo =
| company_type = [[सार्वजनिक|सार्वजनिक]]
| company_slogan = "Where every individual is committed -जहाँ प्रत्येक कर्मचारी प्रतिबद्ध है "
| foundation = 19 फ़रवरी 1943
| location = [[नई दिल्ली]], [[दिल्ली]], [[भारत]]
| key_people = [[अनिमेष चौहान]] <br /><small>([[MD]])</small>
| industry = [[बैंक]]<br />[[वित्तीय सेवा]]एँ
| products = [[निवेश बैंकिंग ]]<br />[[उपभोक्ता बैंकिंग]]<br />[[व्यवसायिक बैंकिंग]]<br />[[खुदरा बैंकिंग]]<br />[[निजी बैंकिंग]]<br />[[संपत्ति प्रबंधन]]<br />[[पैंशन]]<br /> [[गृह ऋण]]<br />[[क्रेडिट कार्ड ]]
| revenue = {{increase}} रु. 11457.17 करोड़ (2010)<ref name="obcreport10">{{cite web|title=OBC Performance Annual Report 2010|url=https://www.obcindia.co.in/obcnew/upload/obc/MainMenuEnglishLevel-3_PerformanceGlance.pdf|publisher=OBC|accessdate=6 सितंबर 2010}}</ref>
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| owner = [[भारत सरकार]]
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}}
 
'''ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स''' [[भारत]] में सार्वजनिक क्षेत्र का एक प्रमुख [[बैंक]] है। इसकी स्थापना 19 फरवरी 1943 को [[लाहौर]] (अविभाजित भारत ) में हुई थी। इसका प्रधान कार्यालय [[नई दिल्ली]] में है।
 
== इतिहास ==
बैंक के संस्थापक व प्रथम चेअरमैन स्वर्गीय राय बहादुर लाला सोहन लाल थे। स्थापना के चार वर्ष के भीतर ही भारत विभाजन हो गया। नवनिर्मित पाकिस्तान कि सभी शाखाऐं बंद करनी पड़ीं तथा मुख्यालय लाहौर से अमृतसर बदल दिया गया। तत्कालीन चेअरमैन स्वर्गीय लाला करम चंद थापर ने अद्वितीय सद्भावना का परिचय देते हुए, उन सभी जमाकर्ताओं का भी पूरा धन लौटाया जो नवनिर्मित पाकिस्तान से विदा हो रहे थे। इस प्रकार ग्राहक सेवा की जो नींव डाली गई वह आज तक सहेजी गई है।
 
बैंक ने अपनी स्थापना के बाद कई उतार चढ़ाव देखे हैं। १९७०-७६ का समय सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण था। एक समय में लाभ केवल १७५ रु पर सिमट गया था, जिसके कारण मालिकों ने बैंक को बेचने अथवा बंद करने का निर्णय लिया। तब बैंक के कर्मचारी तथा उनके नेता बैंक को बचाने के लिये आगे आये। इससे मालिकों का हृदय परिवर्तन हो गया और उन्होनें कर्मचारियों के साथ मिल कर आगे बढ़ने का निश्चय किया। इसके सुखद परिणाम सामने आए और बैंक के प्रदर्शन में खासा सुधार हुआ। यह बैक के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ।
 
१५ अप्रैल १९८० को बैंक का राष्ट्रीयकरण हो गया।
 
३१ मार्च २०१० तक बैक का कुल व्यापार रु २ लाख करोड़ से अधिक हो चुका है। इस उपलब्धि ने इस बैंक को ७वां सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बना दिया है। बैंक की 100% शाखाएं सीबीएस ([[केन्द्रीयकृत बैंकिंग समाधान]]) सुविधासम्पन्न है। पूरे बैंकिंग क्षेत्र में सबसे कम कर्मचारी लागत और सबसे अधिक उत्पादकता इस बैंक की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
 
== उपलब्धियां ==