"कणाद": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: आंशिक लिप्यंतरण
छो बॉट: वर्तनी एकरूपता।
पंक्ति 16:
इसके अलावा महर्षि कणाद ने ही [[न्यूटन]] से पूर्व गति के तीन नियम बताए थे। <ref>[http://hindi.webdunia.com/sanatan-dharma-article/परमाणु-सिद्धांत-के-असली-जनक-तो-ये-हैं-114080700018_1.htm परमाणु सिद्धांत के असली जनक तो ये हैं...] (वेबदुनिया)</ref>
 
: '' वेगः निमित्तविशेषात कर्मणो जायते। वेगः निमित्तापेक्षात कर्मणो जायते नियतदिक क्रियाप्रबन्धहेतु। वेगः संयोगविशेषविरोधी॥'' [[वैशेषिक दर्शन]]
: अर्थात्‌ वेग या मोशन (motion) पांचों द्रव्यों पर निमित्त व विशेष कर्म के कारण उत्पन्न होता है तथा नियमित दिशा में क्रिया होने के कारण संयोग विशेष से नष्ट होता है या उत्पन्न होता है।
 
== सन्दर्भ ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/कणाद" से प्राप्त