"संस्कृत साहित्य": अवतरणों में अंतर

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=== विशालता (abundance and vastness) ===
संस्कृत साहित्य इतना विशाल और विविधतापूर्ण है कि 'संस्कृत में क्या-क्या है?' - यह पूछने के बजाय प्रायः पूछा जाता है कि '[https://sa.wikipedia.org/wiki/संस्कृते_किं_नास्ति_%3F संस्कृते किं नास्ति?]' (संस्कृत में क्या नहीं है?)। अनुमान है कि संस्कृत की [[पाण्डुलिपि|पाण्डुलिपियों]] की कुल संख्या '''१ करोड़''' से भी अधिक होगी। यह इतनी अधिक है कि बहुत सी पाण्डुलिपियाँ अभी तक सूचीबद्ध नहीं की सकी है, उन्हे पढ़ना और उनका अनुवाद आदि करना बहुत दूर की बात है।<ref>[http://ऽtimesofindia.indiatimes.com/city/jaipur/sanskrits-elitism-a-counter-narrative-of-popular-notion/articleshow/56709794.cms Sanskrit’s elitism: A counter narrative of popular notion]</ref>
 
=== विविधता (variety and diversity) ===